Monday, September 18, 2017

पुरूष की कुंडली में स्त्री सुख का कारक शुक्र होता है उसी तरह स्त्री की कुंडली में पति सुख का कारक ग्रह वॄहस्पति होता है. स्त्री की कुंडली में बलवान सप्तमेश होकर वॄहस्पति सप्तम भाव को देख रहा हो तो ऐसी स्त्री को अत्यंत उत्तम पति सुख प्राप्त होता है.
जिस स्त्री के द्वितीय, सप्तम, द्वादश भावों के अधिपति केंद्र या त्रिकोण में होकर वॄहस्पति से देखे जाते हों, सप्तमेश से द्वितीय, षष्ठ और एकादश स्थानों में सौम्य ग्रह बैठे हों, ऐसी स्त्री अत्यंत सुखी और पुत्रवान होकर सुखोपभोग करने वाली होती है.
पुरूष का सप्तमेश जिस राशि में बैठा हो वही राशि स्त्री की हो तो पति पत्नि में बहुत गहरा प्रेम रहता है.
[9/13, 13:06] ‪+91 82859 28687‬: दस अचूक उपाय



ज्योतिष में ग्रह गणना और कुंडली की ग्रहस्थिति के अनुसार किये जाने वाले फलित के अतिरिक्त ज्योतिष की उपाय शाखा अपना एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है ज्योतिषीय उपायों में किसी भी कमजोर ग्रह को बल प्रदान करने के लिए उपाय, ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव से बचने के उपाय तथा जीवन की विभिन्न विपरीत परिस्थितियों के लिए बहुत से उपायों का वर्णन है, पर आज हम यहाँ विशेष रूप से बुध ग्रह को बली करने या मजबूत करने के लिए दस बहुत विशेष सरल और सटीक उपाय बता रहे हैं, वैसे तो ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह का अपना अलग विशेष महत्व है पर बुध आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति के लिए बहुत विशेष भूमिका निभाता है क्योंकि...

ज्योतिष में बुध को बुद्धि, कैचिंग पॉवर, तर्कशक्ति, निर्णय क्षमता, याददास्त, सोचने समझने की क्षमता, वाणी, बोलने की क्षमता, उच्चारण, व्यव्हार कुसलता, सूचना, संचार, यातायात, व्यापार, वाणिज्य, गणनात्मक विषय, लेखन, कम्युनिकेशन और गहन अध्ययन का कारक माना गया है और ये सभी घटक हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं विशेषतः बुद्धि क्षमता की तो आज के समय में सर्वाधिक और हर जगह आवश्यकता होती है, इस के अलावा बुध का हमारे स्वास्थ और शरीर पर भी बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है बुध हमारे शरीर के बहुत विशेष घटकों को नियंत्रित करता है ज्योतिष की चिकित्सीय शाखा में बुध को मष्तिष्क, नर्वस-सिस्टम, गला, नसें, त्वचा, बोलने की क्षमता, याददाश्त आदि का प्रतिनिधित्व बुध ही करता है इसलिए यदि कुंडली में बुध कमजोर या पीड़ित हो तो व्यक्ति को कुछ विशेष स्वास्थ समस्यायों का सामना करना पड़ता है –

यदि कुंडली में बुध नीच राशि (मीन) में हो, छटे या आठवे भाव में स्थित हो, केतु या मंगल से पीड़ित हो, सूर्य के साथ समान अंश पर होने से पूर्णासत हो, षष्टेश अष्टमेश से पीड़ित हो या अन्य किसी भी प्रकार जब बुध बहुत कमजोर या पीड़ित हो ऐसे में व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता अधिक अच्छी नहीं होती सोचने समझने में समस्या होती है, शिक्षा में बाधा आती है, व्यक्ति व्यव्हार कुसाहल नहीं बन पाता और बहुत सी स्वास्थ समस्याएं जैसे त्वचा संबंधी समस्याएं हकलाहट या शब्दों को स्पष्ट रूप से ना बोल पाने की समस्या, नर्वससिस्टम और नसों से जुडी समस्याएं आदि भी संभावित होती है . . .

तो इस प्रकार यदि कुंडली में बुध कमजोर होने पर विभिन्न समस्याओं का सामना हो तो ऐसी में ये दस उपाय आपकी कुंडली में स्थित बुध को बली करने में बहुत सहायक होते हैं और चमत्कारिक प्रभाव दिखाते हैं –

दस अचूक उपाय –

1. प्रत्येक बुधवार को मोतीचूर के दो लड्डू गणेश जी को मंदिर में अर्पित करें।

2. ॐ ब्राम ब्रीम ब्रोम सः बुधाय नमः की एक माला रोज जाप करें।

3. हरी इलायची का दिन में दो तीन बार सेवन करें।

4. प्रत्येक बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाएं।

5. घर में हरे पौधे लगाएं और उनकी देखभाल करें।

6. पक्षियों को रोज भोजन दें।

7. घर के पूजास्थल में बुद्धयान्त्र स्थापित करें।

8. महीने के एक बुधवार को साबुत मूंग की खिचड़ी गरीबों में बाटें।

9. प्रत्येक बुधवार को अपने घर की उत्तर दिशा में गाय के घी का दिया जलाएं।

10. किसी ज्योतिषी की सलाह के बाद पन्ना रत्न भी धारण कर सकते हैं।

तो यदि आपकी कुंडली में बुध कमजोर या पीड़ित स्थिति में है तो निश्चित ही ये उपाय आपके लिए बहुत सहायक होंगे और आपके बुध को बहुत बल प्रदान करेंगे।

।।श्री हनुमते 

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