Tuesday, September 5, 2017

"अमर योग"


जिसे "अमर योग" कहते हैं । एक और महत्वपूर्ण "विशिष्ट राजयोग" जिसे "अमर योग" कहते हैं, आप सभी के सम्मुख प्रस्तुत है ।।
अमर योग:- कोई कुण्डली मेष अथवा सिंह लग्न की हो तथा सूर्य केन्द्र अथवा त्रिकोण में हो अथवा चन्द्रमा वृष अथवा कर्क का होकर द्वादश या अष्टम भाव में बैठा हो और अगर इनपर (सूर्य अथवा चन्द्रमा पर) गुरु या शुक्र की शुभ दृष्टि पड़ रही हो तो यह "अमर योग" कहलाता है ।।
मित्रों, इसे तो इसके नाम से ही इसका फल आप सभी को समझ में आ गया होगा । फिर भी आप सभी को बता दूँ, कि इस योग में जन्म लेने वाला जातक शाशन में अत्यंत उच्च पद पर प्रतिष्ठित होता है साथ ही दीर्घायु होता है । उसे अतुलनीय सम्पदा की प्राप्ति होती है ।।
इस जातक का जीवन राजा-महाराजाओं की तरह होता है तथा जीवन में किसी प्रकार का कोई अनिष्ट नहीं आता । अथवा यूँ कहें की इस जातक के सभी अनिष्टों का आसानी से हल निकल आता है अर्थात उसके सभी अनिष्ट स्वयं ही नष्ट हो जाते हैं ।।

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