Wednesday, October 11, 2017

भाग्य


भाग्य =
          ज्योतिष में भाग्य की बात करे तो हम नवम भाव को भाग्य भाव कहते है और नवम से नवम भावेत भावम के सिदान्त से पंचम भाव भी भाग्य स्थान होता है नवम भाव मे हो ग्रह होता है उसके अनुसार ही भाग्य उदय हो जाता है ग्रहो का क्या समय है इसपे विचार करे तो जिसके भाग्य स्थान में सूर्य होता है तो उसका भाग्य उदय 25 से अधिक उम्र में होता है और पिता के द्वारा ही भाग्य उदय हो सकता है चन्द्रमा , बुध ,  और गुरु हो तो भाग्य उदय 16 साल की उम्र तक हो जाता है चन्द्रमा और बुध हो है ही बाल्यकाल के ग्रह है , मंगल और शुक्र हो तो भाग्य उदय 28 के उम्र के बाद होता है क्योंकि यह ग्रह युवा अवस्था के घोतक है शनि हो तो भाग्य उदय देरी से ही होता है क्योंकि यह यह है ही मद गति ग्रह है तो हर चीज में देरी करते है केतु और राहु का मंगल शनि के समान समझना चाहिए, यह तो हो गया भाग्य उदय का समय अब बात करे कि भाग्य कैसा है भाग्य तो सबका होता है चाहे अच्छा हो या बुरा पर भाग्य होता सबका है तो जिनका नवम स्थान का स्वामी उच्च का हो स्वराशि में हो मित्र की राशि मे हो , लग्नेश से युक्त हो और केंद्र , या त्रिकोण में हो तो उसका भाग्य अच्छा होता है इसके विपरीत भाग्य स्थान का स्वामी नीच का हो , त्रिक भाव मे हो , पाप ग्रहों से युक्त हो भाग्य स्थान में बहुत से पाप ग्रहों हो ,  लग्नेश आदि से कोई सम्बद ना हो तो उसका भाग्य थोड़ा होता है वैसे भाग्य स्थान बोलते है हम कुंडली मे सबसे प्रमुख त्रिकोण भाव को यह लक्ष्मी भाव ही है इसका शुभ होना , हमे भाग्य , धर्म आदि में लाभ देता है  और वैसे भाग्य कैसा है इसका गूढ़ विचार तो पूर्ण कुंडली के अध्ययन से ही होता है जैसे कि सुख का ,  शौभाग्य का , सम्पति का कारक ग्रह है गुरु यदि यह कुंडली मे शुभ है तो हम यह बोल सकते है कि इसको।भाग्य साली होने का 1 अंक मिल गया , वैसे ही दुख , पराधीनता , निर्धनता आदि का कारक ग्रह है शनि यदि यह कुंडली मे कमजोर और बलहीन है तो हमे यह कह सकते है कि इतना भी अच्छा क्यों ना हो शनि के निर्बल होने से दुर्भाग्य का 1 अंक बढ़ गया तो शनि जब कुंडली मे शुभ हो तो हम यह बोल सकते है कि यह भाग्य साली है ऐसे ही लग्नेश के बल पर क्योंकि लग्नेश सब कुछ है भाग्य , आयु , धन ,मांन सामान आदि तो यह बलबान होगा तो बोल देगे की भाग्य साली है ऐसे ही चन्द्र लग्न के बल को भी देख कर हम निर्णय ले लेंगे भाग्य का गूढ़ विचार तो कुंडली को स्टडी करके ही पता लगता हैl

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