Wednesday, October 11, 2017

केन्द्रेश_त्रिकोणेश_का_धन_भाव_धनेश_से_सम्बन्ध

||#केन्द्रेश_त्रिकोणेश_का_धन_भाव_धनेश_से_सम्बन्ध||      
केंद्र के स्वामी को केन्द्रेश और त्रिकोण के स्वामी को त्रिकोणेश कहते है।जब भी केन्द्रेश त्रिकोणेश के बीच आपस में सम्बन्ध बनता है तब उसे राजयोग कहते है।राजयोग सुख-समृद्धि, सफलता, उन्नति, सुख और विशेष रूप से धनकी वृद्धि करने वाला होता है क्योंकि धन के बिना जातक की मूल जरुरत पूरी नही हो सकती, भोग-विलास के साधन भी धन से ही जुटाए जाते है।जब राजयोग कारक और राजयोग बनाने वाले ग्रहो के साथ धनेश या धन भाव का सम्बन्ध बन जाता है तब जातक के लिए राजयोग धन वृद्धि कारक बन जाता है।धनेश या धन भाव का शुभ सम्बन्ध राजयोगकारक ग्रहो के साथ शुभ होता है।जिन जातको की कुंडली में केन्द्रेश-त्रिकोणेश राजयोगकारक ग्रहो के साथ धनेश का बली सम्बन्ध होगा ऐसे जातक आर्थिक रूप से ज्यादा सक्षम होते है क्योंकि धन सब कुछ नही है लेकिन बहुत कुछ होता है जो जातक के जीवनयापन करने और उसको कई और परेशानियो को कम करने में सहायक होता है।इस कारण राजयोगकारक और राजयोग बनाने वाले ग्रहो के साथ धनेश का सम्बन्ध शुभफलदायी होता है।नवम भाव जातक का भाग्य भाव है भाग्य यदि साथ दे तो बहुत कुछ आसानी से हासिल हो जाता है धनेश का भाग्येश से शुभ और बली सम्बन्ध जातक को उसके भाग्य के बल से धनलाभ और धन की बरकत होती है।ध्यान रखने वाली बात यह है धनेश का सम्बन्ध राजयोगकारक ग्रहो से होने पर यह पीड़ित, इन ग्रहो में कोई ग्रह नीच, अस्त, बहुत ज्यादा कमजोर, अशुभ प्रभाव में नही होना चाहिए साथ ही ग्रहो की ग्रह दशाएँ का अनुकूल होना भी आवश्यक है ग्रह दशाये अनुकूल होने पर ग्रहो से सम्बंधित दशाओ के फल पूरी तरह से फलित होते है।

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