जन्म राशि/नाम राशि भेद
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जन्म राशि या नाम राशि को लेकर अक्सर होने वाली बहस पर हमारी
राय
कई लोगों का यह प्रश्न रहता है,कि कौनसी राशि को मानें ? आजकल माता-पिता अपने बच्चों का नाम जन्म कुण्डली के अनुसार न रखकर मनचाहा नाम रख देते हैं जो कि गलत है क्योंकि लिखा है।
नामाखिलस्य व्यवहार हेतुःशुभावहं कर्म सुभाग्य हेतुः।
नाम्नैव कीर्ति लभते मनुष्यःततःप्रशस्तं खलु नाम कर्म।।
ज्योतिष शास्त्र में जन्म राशि और नाम राशि के उपयोग के लिये अलग-अलग स्थान बताए गए हैंi
जन्म राशि का महत्त्व
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विवाहे सर्वमांगल्येयात्रादौग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नाम राशिं न चिंतयेत् ।।
अर्थात् विवाह, मांगलिक कार्य, यात्रा, ग्रह-गोचर गणना का विचार करते समय जन्म राशि से विचार करना चाहिये ।आजकल कई पण्डित् जी विवाह के
समय गुण नहीं मिलने पर वर-कन्या का नाम परिवर्तन कराकर गुण मिला देते हैं। जो कि हमारी दृष्टि में सर्वथा अनुचित है केवल नाम बदलने से भाग्य नहीं
बदलता है।
नाम राशि का महत्त्व
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देशेग्रामेग्रहेयुद्धेसेवायांव्यवहारके।
नाम राशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
किसी देश या ग्राम में निवास करते समय, भूमि या भवन की रजिस्ट्रीकरण के समय, नौकर रखते समय, युद्ध
(कोर्ट कचहरी)न्यायालयीन मामलों में, व्यवहार अर्थात् किसी से व्यवसायिक या मित्रता का सम्बन्ध बनाते समय नाम राशि से विचार करना चाहिये।
यह तो थी शास्त्र कि बात किन्तु कुछ विद्वानों के अनुसार केवल मात्र जन्म राशि का ही प्रभाव व्यक्ति पर आजीवन रहता है, क्योंकि मानव में इतना सामर्थ्य नहीं है कि वो भगवान के लिखे हुये को बदल सके। आप किसी कन्या राशि में जन्मे हुये व्यक्ति का नाम सिंह राशि पर रख दोगे तो उसमें सिंह राशि के गुण बिल्कुल नहीं मिलेंगे। उसका स्वभाव आजीवन कन्या राशि का ही रहेगा। आजकल कुछ पण्डितजी वर या कन्या का नाम बदलकर गुण मिला देते हैं जो
कि बहुत अनुचित और गलत है, पण्डित जी को तो दक्षिणा मिल जाती है किन्तु भुगतना आजीवन उस लड़के और लड़की को पड़ता है, ऐसा काम वही लोग करते हैं जिनका ज्ञान केवल पंचांग मात्र तक सीमित होता है। नाम परिवर्तन का लाभ आप अपनी कम्पनी, दुकान या अपने घर का नाम अपनी राशि के अनुकूल रख कर ले सकते है किन्तु बालक का नाम वही रखें जो नक्षत्र अनुसार जन्म पत्रिका में निकलता हो, क्योंकि जन्म नाम से ही स्वभाव बनता है, जन्म नाम से ही दशायें चलती हैं, जन्म नाम से ही गोचर के ग्रह प्रभाव डालते हैं।
अष्टक वर्ग में चन्द्रमा अपने बिन्दु जन्म राशि के अनुसार ही देता है। ज्योतिष में जो नाम राशि के स्थान बताये गये हैं वो सिर्फ सामने वाले के लिये बताये गये हैं, जैसे कोई नौकर आपके पास आता है तो उसके बोलते नाम की राशि को अपनी जन्म राशि की अनुकूलता और प्रतिकूलता को परखें एवं आपको किसी देश में जाना है तो उस देश कि राशि को आपके जन्मनाम से मिलायें व आपका कोई शत्रु हो तो उसके बोलते नाम की राशि को अपनी जन्मराशि से मिलायें क्योंकि इनका जन्मनाम मिलना संभव नहीं हो पाता है।
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