कुंडली के बारहवां भाव और अष्टम भाव विदेश यात्रा के लिए बहुत महत्व पूर्ण होता है।आज कुछ योग के बारे में बताते है जो अगर आपकी कुंडली में हो तोह विदेश यात्रा और विदेश में जॉब आप कर सकते है
कुंडली के बारहवें भाव को वैदिक ज्योतिष में विदेश यात्रा का भी कहा जाता है तथा कुंडली का यह भाव मुख्य रुप से जातक के द्वारा अपने जीवन काल में विदेश भ्रमण है या नही तथा साथ ही साथ कुंडली का कुंडली के बारहवें भाव के बलवान होने की स्थिति में आम तौर पर जातक की कमाई और व्यय में उचित तालमेल होता है तथा जातक अपनी कमाई के अनुसार ही धन को खर्च करने वाला होता है, जबकि कुंडली के बारहवें भाव के बलहीन होने की स्थिति में जातक कितनी भी कोशिश करले उसको फॉरेन में जॉब नही मिलती।
कुंडली का बारहवां भाव जातक को किसी दण्ड के फलस्वरूप मिलने वाला देश निकाला भी कुंडली के इसी भाव से देखा जाता है। किसी व्यक्ति का अपने परिवार के सदस्यों से दूर रहना भी कुंडली के इस भाव से जाना जाता है।12वां भाव विदेश की जनता का है कि विदेश में temprary or parmanent रहेगाया नही रहेगा। विदेश का कई भावों से सम्बंध है.अष्टम भाव का संभंध अगर 12थ हाउस से हो तोह जातक विदेश यात्रा पर जायेगा।
12थ का सम्बन्ध अगर फोर्थ से हो और 10 से भी उपग्रहों का कनेक्शन हो तोह अव्यस्य forien में जॉब करके घर बनेयेगा।
चंद्रमा की महादशा हो और चन्द्रमा 8 12 एंड 10थ से शुभ होकर सम्बन्ध बनाये तोह अवश्य फॉरेन टूर होगा या settelment भी हो सकता है।
12थ का गुरु का अगर केतु से सम्बन्ध हो तो और 8थ हाउस के नक्षत्र अगर 12थ हाउस में हो तोह भी फॉरेन का टूर होता है।परंतु पाप ग्रहों की दृष्टि न हो।
विदेश यात्रा और जॉब के लिए शनि का भी प्रमुख योगदान होता है।अगर आपकी कुंडली में यह योग है।फिर भी फॉरेन जॉब नही कर पा रहे है तोह अपनी कुंडली के अनुसार उचित उपाय करे।
कुंडली के बारहवें भाव को वैदिक ज्योतिष में विदेश यात्रा का भी कहा जाता है तथा कुंडली का यह भाव मुख्य रुप से जातक के द्वारा अपने जीवन काल में विदेश भ्रमण है या नही तथा साथ ही साथ कुंडली का कुंडली के बारहवें भाव के बलवान होने की स्थिति में आम तौर पर जातक की कमाई और व्यय में उचित तालमेल होता है तथा जातक अपनी कमाई के अनुसार ही धन को खर्च करने वाला होता है, जबकि कुंडली के बारहवें भाव के बलहीन होने की स्थिति में जातक कितनी भी कोशिश करले उसको फॉरेन में जॉब नही मिलती।
कुंडली का बारहवां भाव जातक को किसी दण्ड के फलस्वरूप मिलने वाला देश निकाला भी कुंडली के इसी भाव से देखा जाता है। किसी व्यक्ति का अपने परिवार के सदस्यों से दूर रहना भी कुंडली के इस भाव से जाना जाता है।12वां भाव विदेश की जनता का है कि विदेश में temprary or parmanent रहेगाया नही रहेगा। विदेश का कई भावों से सम्बंध है.अष्टम भाव का संभंध अगर 12थ हाउस से हो तोह जातक विदेश यात्रा पर जायेगा।
12थ का सम्बन्ध अगर फोर्थ से हो और 10 से भी उपग्रहों का कनेक्शन हो तोह अव्यस्य forien में जॉब करके घर बनेयेगा।
चंद्रमा की महादशा हो और चन्द्रमा 8 12 एंड 10थ से शुभ होकर सम्बन्ध बनाये तोह अवश्य फॉरेन टूर होगा या settelment भी हो सकता है।
12थ का गुरु का अगर केतु से सम्बन्ध हो तो और 8थ हाउस के नक्षत्र अगर 12थ हाउस में हो तोह भी फॉरेन का टूर होता है।परंतु पाप ग्रहों की दृष्टि न हो।
विदेश यात्रा और जॉब के लिए शनि का भी प्रमुख योगदान होता है।अगर आपकी कुंडली में यह योग है।फिर भी फॉरेन जॉब नही कर पा रहे है तोह अपनी कुंडली के अनुसार उचित उपाय करे।
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