Monday, October 30, 2017

लग्न में उच्च के शुक्र का फल


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लग्न में उच्च के शुक्र का फल
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यदि लग्न में शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में स्थित हो तो ऐसा जातक सुंदर घुटने एवं पैरों वाला होता है।

यदि यही शुक्र अपने उच्च नवमांश में स्थित हो तो जातक के हाथ पैर सुंदर आकर-प्रकार वाले होते है।

यदि शुक्र लग्न में षडवर्ग शुद्ध हो तो जातक के शरीर के सभी अंग-प्रत्यंग आनुपातिक रूप से उपयुक्त आकर-प्रकार वाले होते है।

लग्न में नीचस्थ शुक्र का फल
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यदि लग्न में शुक्र अपनी नीच राशि कन्या में स्थित हो तो ऐसे जातक के सर पर बालो की मात्रा कम होती है।

यदि यही शुक्र अपने नीच नवमांश में हो तो ऐसा जातक गंजा होता है।

यदि लग्न का शुक्र पाप ग्रहों के वर्ग में आया हो तो ऐसे जातक के शरीर पर रोमावलिया (रोएं की पंक्तियां होती है)।

लग्न में मित्र क्षेत्री शुक्र का फल
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यदि लग्न में शुक्र अपने मित्र ग्रह की राशि मे स्थित हो तो ऐसा जातक सौभाग्यशाली व सुंदर कीर्तिवान होता है।

यदि लग्न में शुक्र अपने मित्र के नवमांश में स्थित हो तो ऐसे जातक के नाखून सुंदर आकर वाले होते है।

यदि लग्न में यही शुक्र वर्गोतगं नवमांश में हो तो जातक विविध रूप धारण करने वाला कोई अभिनेता होता है।

लग्न में शत्रु क्षेत्री शुक्र का फल
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यदि लग्न में शुक्र अपने शत्रु ग्रह की राशि मे स्थित हो तो जातक का शरीर कुबड़ा होता है।

यदि लग्न में शुक्र अपने शत्रु ग्रह के नवमांश में हो तो ऐसे जातक के शरीर से  दुर्गंध आती है एवं शरीर पतला होता है।

यदि लग्न में शुक्र अपनी मूल त्रिकोण राशि मे स्थित हो तो जातक आकृति व व्यक्तित्त्व सभी की प्रसन्न करने वाली होती है।

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