मगंल ग्रह के बारे मे सभी जानते भी है की मगंल की अवस्था क्या फल देती है लोग शनी राहू के बाद मगंल से भी डरते है हर कुडंली मे खासतर जब विवाह की बात हो तो इसपर ध्यान दिया जाता है पर मगंल पापी नही है अक्रामक ग्रह जिसमे ऊर्जा अधिक होती है चूकी इसको सेनापति कहा जाता है । मगंल को काबू करना बडा मुश्किल है शुभ है तो भी गुस्सा और आक्रामक अशुभ है तो भी बिना बात की इरीटेशन झगडना बदला लेना ईर्ष्या करना काम मे ध्यान देने के वजाय दूसरे मामले मे फंस जाना ऐ खराबी बना देता है । मगंल शुभ होगा तो किसी की मदद व अपने काम को प्रमोट करने के लिए पैसा दूसरो से लेगा और कमायेगा भी और खराबी मे अपने शंक व परिवार की बेकार जरूरतो जो दिखावा है उनके लिए लेता है और लौटा नही पाता उसको परेशानी आती है । शुभ अवस्था मे काम निकालने के लिए उसको अक्रामक दिखाना पडता है । क्या वास्तव मे मगंल इतना खराब होता है जितना हम सुनते पढते है शायद नही भी छठे चौथे और आठवे घर का अकेला मगंल बडा बुरा हाल करता है खासतर लडकी की कुडंली मे । पैसे व धन का कारक भी है पर सबको नही दे पाता नही तो लोग उसी पैसे का ब्याज भरते भरते आधी उम्र निकाल देते है । मनुष्य के शरीर मे मगंल का स्थान आखो मे होता ऐ खून का भी कारक है पर आंखो से इसकी पहचान होती है चलिए बताते है कैसे मनुष्य के अदंर जो भी चलता है उसको बाहर लाने या दिखाने प्रदर्शित करने का काम मगंल करता है जो आंखो से दिखता है झलकता है जैसे मगंल एक आत्मविश्वाष ताकत बल का कारक है वही खराब मगंल गुस्सा डर झुझंलाहट का कारक है जिस मनुष्य मे गुस्सा होने प्रवृती होगी उसकी आखो से डर लगता है लाल आंखे फैलाके गुस्सा दिखाना और आत्मविश्वाष की कमि हो तो डर साफ दिखता है उसकी आंखे झुकी और पलके झपकती रहेगी चुरी नजर से देखता है फिर बचने काप्रयास करता है जिसको अधिक गुस्सा आता है उसका शरीर गर्म रहता है यानी खून का संचार तेज रहता है । मगंल सबंधो के बीच की शक्ती संचार का कारक है जिसतरह पहाड पर चढने के लिए रस्सी की मजबूती अच्छी होनी चाहिऐ न की वो रस्सी कितनी मोटी हो ठीक मगंल रिश्तो की बीच की मजबूती बयान करता है इसलिए शादी और कामकाजी रिश्तो मे इसका प्रभाव जरूरी देखना होता है मगंल विश्वाष का कारक है उससे पैदा हुयी सबंधो को बनाती है इसलिए कहा जाता है की रिश्तो मे विश्वाष होतो तभी वह चलते है निभाऐ जाते है । कर्म करने के लिए जो शक्ती साहस जुटाया जाता है मगंल है । मगंल जितना मजबूत होता है तो उसके पिता द्वारा प्रदर्शित किए रिश्ते जैसे उसके मामा चाचा ताऊ भाई अच्छे होगे और सपंन्न भी खासतर जमीनी तौर पर । और जितनी मगंल की खराब अवस्था होगी वो इन रिश्तो से उतनी दूरी रखता है अगर वो अच्छा भी करेगा उनके लिए तो जिल्लत ही पाऐगा । शादी के लिए मागंलिक तत्व अहम आता है लोग डरे डरे 28 साल तक शादी नी करते न बेटी की होने देते है नतीजा समय निकल जाता फिर 32-36 के बीच की उम्र मे वो रिश्ते नही आते जो अरमान होते है जो आते वो किसी को भाते नही क्या सच मे मागंलिक लोग 28 से पहले या 27 तक शादी नही कर सकते या नही करनी चाहिऐ क्या जो योग बन गये है उनका असर खतम हो जाता है शायद नही पहले अधिकतर महान लोग मागंलिक ऐ ही नही पता कर पाते की जातक हकीकत मे मागंलिक है भी या नही बस भाव देखा और कहानी मढ दी या जो मगंल है वो षच मे खराब है भी या नही कैसे कोई फैसला कर पाता है । ऐ जाल गहरा जिसे साफ करना यहां सभंव नही । राहू के बाद मगंल सबसे ज्यादा लोगो को परेशान करता है पर गाज राहू पर ही गिरती है मगंल को समझना भी आसान नही है मगंल शनी की युती बडे बुरे वाले दिन दिखाती है 100 मे से 65 को ।रिश्तो मे मगंल शुक्र मगंल बुध मगंल राहु मगंल शनी खराबी एक दौर बयान करता है । मगंल शुक्र भी हर जगह भाव व दृष्टी के आधार पर अच्छा व बुरा फल देगा मगंल शुक्र की युति एक सर्जन भी बनाता है
5-9-10 खासतर पर इसके अलाव कारात्मक गुण है दोनो का ऐ अधिक कामुकता की ओर खीचंता है खून मे अतिरिक्त सचार पैदा करके उकसाता है जिससे गुस्सा अधिक पैदा होता है सप्तम भाव लग्न चौथे भाव की ऐ दोनो की युति खराब होति ही है लगन मे बैठे दोनो शरीर की अतिरिक्त ऊर्जा को बाहर बिखेरने के लिए मन को उकसाता है ऐसे लोग पैसा कमाते है और सिर्फ अपने आराम और शौक को पूरा करते है उनको एक आजादी खुद के लिए चाहिए होती है पति हो पत्नी को एक तरफा लेकर चलेगा दोनो के अपने रास्ते होगे न मै बोलू न तू बोल सबंध और सहारा बाहर देखते है । मगंल शनी काम मे रिश्तो को खराब करते है दोनो न झुक सकते है किसि की सलाह लेकर चल सकते है अपनी मरजी से विजनिष चलाते है शुक्र राहू की युति भी बन जाऐ गोचर मे उसी भाव मे यदि मगंल शनी की युति 2-4-5-10-11 मे बनी हो और गोचर मे राहू शुक्र या दोनो साथ होगे तो विजनिष के लिए काफी पैसा लगाकलगाकर डुबो जाते है साधाहरणतः तो काम के जरूर लेते रहते है काम सही चलेगा तो भी कोई न कोई वजह कर्ज लेने की बनती है इनके हाथ मे अहम मौके पर पैसे ही नी होते है तो दस दिन पहले होगे या दस दिन बाद। ऐसे लोग किसी अहसान नी लेते ले लेगे तो उनके अदंर खलता रहता है ऐसे लोगो के पास जभीन होगी पर उसका लाभ नही ले पाते शनी मगंल सुनता नी और मगंल फल नही आगे देता । मगंल बुध की युती त्वाचा रोग पैदा करता जो आसानी से ठीक नी होते और यदि शुक्र साथ हो तो फिर एलर्जी सफेद दाग पैदा करने लग जाता मधुमेह रोग भी कम उम्र मे पैदा कर देते है और सबसे बडी बात की सतांन पैदा होने मे देरी या परेशानी देगा ऐसे लोग जिनका सबंध केतू से अधिक दिखता है सप्तम केतू शुक्र वो शारीरिक सबंधो से दूरी रखते है उनको परेशानी होती उनके कमर के नीचे का हिस्सा कमजोर या कमजोरी बयान करेगा । मगंल पिडित आदमी दातं कमजोर और कम खाने के शौकीन होते है भूख नी लगती और यदि खाते भी रहेगे तो पेट खराब रहता है इनकी आखं लाल ही बनी रहती जिससे पानी निकलता रहेगा ।एक बात और की मगंल दोष वाले व्यक्ती यदि सुर्य और केतू की बीच की उम्र यानी 24-26 तीन सालो मे शादी कर देते है तो सतांन सुख अच्छा मिल जाता है और घर भी पर महादशा अनुकूल हो राहू और चद्र की छोडकर । जो इस दोष ज्यादा हवा बनाके चलते उनकी शादी और सतांन एक उम्रका दायरा पार करने पर होगी या तब भी नही। जो लोग ठेकेदारी जमीनी काम या इस से जुडे काम उनको मगंल शनी बुध तीनो बैलेसं रख कर चलना चाहिऐ नही तो नुकसान झेलते रहेगे यदि उनके सबंध भाई या रिश्तेदारो से खराब हो पिता से भी तो पार्टनरशिप बरबादी देगी और पैसा दिया तो अपने पैर पर कुल्हाडी मारने के बराबर है और जिनके सबंध पत्नी और माॅ या सास से खराब रहते हो उनको बैकं लोन लेने से बचना चाहिऐ ऐसे हालाद मे पहले तो लोन मिलता नही मिल गया तो चुकता नही
5-9-10 खासतर पर इसके अलाव कारात्मक गुण है दोनो का ऐ अधिक कामुकता की ओर खीचंता है खून मे अतिरिक्त सचार पैदा करके उकसाता है जिससे गुस्सा अधिक पैदा होता है सप्तम भाव लग्न चौथे भाव की ऐ दोनो की युति खराब होति ही है लगन मे बैठे दोनो शरीर की अतिरिक्त ऊर्जा को बाहर बिखेरने के लिए मन को उकसाता है ऐसे लोग पैसा कमाते है और सिर्फ अपने आराम और शौक को पूरा करते है उनको एक आजादी खुद के लिए चाहिए होती है पति हो पत्नी को एक तरफा लेकर चलेगा दोनो के अपने रास्ते होगे न मै बोलू न तू बोल सबंध और सहारा बाहर देखते है । मगंल शनी काम मे रिश्तो को खराब करते है दोनो न झुक सकते है किसि की सलाह लेकर चल सकते है अपनी मरजी से विजनिष चलाते है शुक्र राहू की युति भी बन जाऐ गोचर मे उसी भाव मे यदि मगंल शनी की युति 2-4-5-10-11 मे बनी हो और गोचर मे राहू शुक्र या दोनो साथ होगे तो विजनिष के लिए काफी पैसा लगाकलगाकर डुबो जाते है साधाहरणतः तो काम के जरूर लेते रहते है काम सही चलेगा तो भी कोई न कोई वजह कर्ज लेने की बनती है इनके हाथ मे अहम मौके पर पैसे ही नी होते है तो दस दिन पहले होगे या दस दिन बाद। ऐसे लोग किसी अहसान नी लेते ले लेगे तो उनके अदंर खलता रहता है ऐसे लोगो के पास जभीन होगी पर उसका लाभ नही ले पाते शनी मगंल सुनता नी और मगंल फल नही आगे देता । मगंल बुध की युती त्वाचा रोग पैदा करता जो आसानी से ठीक नी होते और यदि शुक्र साथ हो तो फिर एलर्जी सफेद दाग पैदा करने लग जाता मधुमेह रोग भी कम उम्र मे पैदा कर देते है और सबसे बडी बात की सतांन पैदा होने मे देरी या परेशानी देगा ऐसे लोग जिनका सबंध केतू से अधिक दिखता है सप्तम केतू शुक्र वो शारीरिक सबंधो से दूरी रखते है उनको परेशानी होती उनके कमर के नीचे का हिस्सा कमजोर या कमजोरी बयान करेगा । मगंल पिडित आदमी दातं कमजोर और कम खाने के शौकीन होते है भूख नी लगती और यदि खाते भी रहेगे तो पेट खराब रहता है इनकी आखं लाल ही बनी रहती जिससे पानी निकलता रहेगा ।एक बात और की मगंल दोष वाले व्यक्ती यदि सुर्य और केतू की बीच की उम्र यानी 24-26 तीन सालो मे शादी कर देते है तो सतांन सुख अच्छा मिल जाता है और घर भी पर महादशा अनुकूल हो राहू और चद्र की छोडकर । जो इस दोष ज्यादा हवा बनाके चलते उनकी शादी और सतांन एक उम्रका दायरा पार करने पर होगी या तब भी नही। जो लोग ठेकेदारी जमीनी काम या इस से जुडे काम उनको मगंल शनी बुध तीनो बैलेसं रख कर चलना चाहिऐ नही तो नुकसान झेलते रहेगे यदि उनके सबंध भाई या रिश्तेदारो से खराब हो पिता से भी तो पार्टनरशिप बरबादी देगी और पैसा दिया तो अपने पैर पर कुल्हाडी मारने के बराबर है और जिनके सबंध पत्नी और माॅ या सास से खराब रहते हो उनको बैकं लोन लेने से बचना चाहिऐ ऐसे हालाद मे पहले तो लोन मिलता नही मिल गया तो चुकता नही
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