वास्तु किसी व्यक्ति विशेष के लिए नही होता है इसका प्रभाव सभी धर्म जाति विशेष पर समान रुप से होता है । पांच तत्वो का संतुलन ही वास्तु है और असंतुलन ही वास्तु दोष चाहे वह प्रकृति पर हो या हमारे शरीर पर इसका प्रभाव समान रुप से पङता है वास्तु के तत्वो पर किसी का आधिपत्य नही होता है जो इनके तत्वो अगनि ,जल,वायु ,पृथ्वी व आकाश के आधार पर देखा जा सकता है इन तत्वो की विशेषताएँ .....1...जल तत्व से घर मे शांति बनी रहती है । 2..अगनि तत्व से काम करने की झमता आती है । 3,,..पृथ्वी तत्व से घर की स्थिरता व काम की स्थिरता बनी रहती है । 4...वायु तत्व से घुमने फिरने की आदत व चंचलता बढ़ती है । 5..आकाश तत्व से अचछी सोच सपने साकार करने की झमता आती है आकाश तत्व घर का मध्यभाग होता है ।
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