Friday, October 6, 2017

जानिये 24 घंटे में होते हैं कितने और कौन से मुहूर्त

जानिये 24 घंटे में होते हैं कितने और कौन से मुहूर्त

 किसी भी प्रकार के मंगल कार्य करने के लिए सबसे पहले मुहूर्त और चौघड़िया देखा जाता है। आज कल लोग शुभघड़ी को मुहूर्त कहने लगे हैं। दिन व रात मिलाकर 24 घंटे के समय में, दिन में 15 व रात्रि में 15 मुहूर्त मिलाकर कुल 30 मुहूर्त होते हैं अर्थात् एक मुहूर्त 48 मिनट (2 घटी) का होता है।

मुहूर्त का नाम   समय प्रारंभ  समय समाप्त
    रुद्र               06.00.       06.48
    आहि            06.48        07.36
    मित्र             07.36        08.24
    पितृ             08.24        09.12
    वसु               09.12        10.00
    वराह            10.00         10.48
    विश्‍वेदेवा       10.48         11.36
    विधि            11.36         12.24
    सप्तमुखी      12.24         13.12
    पुरुहूत           13.12         14.00
    वाहिनी          14.00        14.48
    नक्तनकरा       14.48        15.36
    वरुण             15:36        16:24
    अर्यमा            16:24        17:12
    भग                17:12        18:00
    गिरीश             18:00       18:48
    अजपाद           18:48      19:36
    अहिर बुध्न्य      19:36       20:24
    पुष्य                20:24      21:12
    अश्विनी            21:12      22:00
    यम                 22:00      22:48
    अग्नि              22:48      23:36
    विधातॄ             23:36       24:24
    कण्ड              24:24       01:12
    अदिति            01:12        02:00
    जीव/अमृत.      02:00      02:48
    विष्णु               02:48       03:36
    युमिगद्युति.        03:36      04:24
    ब्रह्म                  04:24      05:12
    समुद्रम             05:12        06:00

मुहूर्त संबंधित ग्रंथ
〰〰〰〰〰
मुहूर्त संबंधित कई ग्रंथ हैं जो वेद, स्मृति आदि धर्मग्रंथों पर आधारित है। ये ग्रंथ है- मुहूर्त मार्तण्ड, मुहूर्त गणपति मुहूर्त चिंतामणि, मुहूर्त पारिजात, धर्म सिंधु, निर्णय सिंधु आदि। शुभ मुहूर्त जानते वक्त तिथि, वार, नक्षत्र, पक्ष, अयन, चौघड़ियां और लग्न आदि का भी ध्यान रखा जाता है।

कौन-सा 'समय' सर्वश्रेष्ठ होता है
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
किसी भी कार्य का प्रारंभ करने के लिए शुभ लग्न और मुहूर्त को देखा जाता है। जानिए वह कौन-सा वार, तिथि, माह, वर्ष लग्न, मुहूर्त आदि शुभ है जिसमें मंगल कार्यों की शुरुआत की जाती है।

मुहूर्त संबंधित ग्रंथ
〰〰〰〰〰
मुहूर्त संबंधित कई ग्रंथ हैं जो वेद, स्मृति आदि धर्मग्रंथों पर आधारित है। ये ग्रंथ है- मुहूर्त मार्तण्ड, मुहूर्त गणपति, मुहूर्त चिंतामणि, मुहूर्त पारिजात, धर्म सिंधु, निर्णय सिंधु, मुहूर्त प्रकरण आदि।

श्रेष्ठ दिन 👉 दिन और रात में दिन श्रेष्ठ है।

श्रेष्ठ मुहूर्त 👉 दिन-रात के 30 मुहूर्तों में ब्रह्म मुहूर्त ही श्रेष्ठ है।

श्रेष्ठ वार 👉 सात वारों में रवि, मंगल और गुरु श्रेष्ठ है।

चौघड़िया 👉 शुभ चौघड़िया श्रेष्ठ है जिसका स्वामी गुरु है। अमृत का चंद्रमा और लाभ का बुध है।

श्रेष्ठ पक्ष 👉 कृष्ण और शुक्ल पक्षों के दो मास में शुक्ल पक्ष श्रेष्ठ है।

श्रेष्ठ एकादशी 👉 प्रत्येक वर्ष चौबीस और अधिकमास हो तो 26 एकादशियां होती हैं। शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में एकादशियों को श्रेष्ठ माना है। उनमें भी इसमें कार्तिक मास की देव प्रबोधिनी एकादशी श्रेष्ठ है।

श्रेष्ठ माह👉 मासों में चैत्र, वैशाख, कार्तिक, ज्येष्ठ, श्रावण, अश्विनी, मार्गशीर्ष, माघ, फाल्गुन श्रेष्ठ माने गए हैं उनमें भी चैत्र और कार्तिक सर्वश्रेष्ठ है।

श्रेष्ठ पंचमी 👉 प्रत्येक माह में पंचमी आती है उसमें माघ माह के शुक्ल पक्ष की बसंत पंचमी श्रेष्ठ है।

श्रेष्ठ अयन 👉 दक्षिणायन और उत्तरायण मिलाकर एक वर्ष माना गया है। इसमें उत्तरायण श्रेष्ठ है।

श्रेष्ठ संक्रांति 👉 सूर्य की 12 संक्रांतियों में मकर संक्रांति ही श्रेष्ठ है।

श्रेष्ठ ऋ‍तु 👉 छह ऋतुओं में वसंत और शरद ऋतु ही श्रेष्ठ है।

श्रेष्ठ नक्षत्र 👉 नक्षत्र 27 होते हैं उनमें कार्तिक मास में पड़ने वाला पुष्य नक्षत्र श्रेष्ठ है। इसके अलावा अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, उत्तराषाढ़ा, श्रावण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, रेवती नक्षत्र शुभ माने गए हैं।

No comments:

Post a Comment