Monday, October 9, 2017

कौनसे ग्रहयोग हैं धोनी की कुंडली में जिन्होंने उन्हें समान्य जीवन से विश्व-विख्यात बना दिया

आखिर ऐसे कौनसे ग्रहयोग हैं धोनी की कुंडली में जिन्होंने उन्हें समान्य जीवन से विश्व-विख्यात बना दिया आईये जाने -

किसी भी व्यक्ति में उपस्थित प्रतिभाएं उसके अभ्यास, परिश्रम और कार्य-निष्ठा पर तो निर्भर करती ही हैं परन्तु व्यक्ति में विशेष प्रतिभा उपस्थित होने के पीछे उसकी कुंडली की ग्रहस्थिति की ही वास्तविक भूमिका होती है, हमारे प्रारब्ध और पुरुषार्थ का मेल ही सफलता को निश्चित करता है परंतु वास्तव में बिना प्रारब्ध के तो किया गया पुरुषार्थ भी सार्थक नहीं हो पाता और ज्योतिषीय दृष्टि से हमारी जन्मकुंडली हमारे प्रारब्ध का ही एक प्रतिरूप होती है………. आज हम भारतीय क्रिकेट जगत के एक ऐसे सितारे की बात कर रहे हैं जिसने अपनी प्रतिभा पुरुषार्थ और बुद्धिमत्ता के द्वारा ना केवल स्वयं सफलता प्राप्त की बल्कि भारतीय क्रिकेट को एक नयी ऊर्जा देकर सफलता की विशेष ऊंचाइयों तक पहुचाया जी हाँ "महेंद्र सिंह धोनी"……… तो आइये विश्लेषण करते हैं धोनी की कुंडली के उन विशेष ग्रह योगों का जिनके कारण धोनी भारतीय क्रिकेट में एक क्रन्तिकारी बल्लेबाज और श्रेष्ठ कप्तान के रूप में स्थापित हो पाए………………….

महेंद्र सिंह धोनी की कुण्डली कन्या लग्न और कन्या राशि की है धोनी की कुंडली में लग्न में चन्द्रमाँ बृहस्पति और शनि स्थित हैं पंचम भाव में केतु, नवम में मंगल, सूर्य बुध दशम भाव में तथा शुक्र राहु ग्यारहवे भाव में हैं…. धोनी की कुंडली में बने ग्रह योगों को देखें तो सर्व प्रथम तो ज्योतिष में लग्नेश ग्रह को कुंडली का सबसे  महत्वपूर्ण घटक माना जाता है जिसकी कमजोर या मजबूत स्थिति पूरी कुंडली के बल को निश्चित करती है धोनी की कुंडली में लग्नेश बुध केंद्र में स्वराशि में बहुत बली स्थिति में होना उनकी कुंडली को एक विशेष बल प्रदान करता है तथा जीवन की सफलता को भी निश्चित करता है, धोनी की कुंडली में दशम भाव में बुधादित्य योग बना हुआ है जो व्यक्ति को बहुत बुद्धिमान और तर्ककुशल बनाता है पर धोनी की कुंडली में बना बुधादित्य योग सामान्य ना होकर बहुत विशेष है सर्वप्रथम तो यहाँ बुधादित्य योग बहुत शुभ भाव (दशम भाव) में बना हुआ है इसमें भी बुध यहाँ स्वराशि में होने से बलवान है तो सूर्य दिक्बली होने से बलवान है इसके अलावा बुधादित्य योग में सूर्य और बुध के मध्य डिग्री का अंतर जितना अधिक हो उतना अच्छा होता है धोनी की कुंडली में सूर्य 21 डिग्री पर और बुध 3 डिग्री पर है तो कुल मिलाकर धोनी की कुंडली में बना बुधादित्य योग श्रेष्ठ स्थिति में बना हुआ है जिससे उनमे एक विलक्षण बुद्धिमत्ता और तीव्र सटीक निर्णय लेने और अच्छी रणनीति बनाने की विशेष प्रतिभा है…….. इसके अलावा धोनी की कुंडली में बृहस्पति दिक्बली स्थिति में है जो उन्हें एक पूर्ण विवेकशील और परिपक्व स्वाभाव का व्यक्ति बनाता है और उन्हें दूर दृष्टा बनाकर सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता देता है

ज्योतिष में सूर्य और बृहस्पति को मैनेजमेंट या प्रबंध शक्ति का कारक माना गया है यहाँ यह भी एक विशेष बात है के धोनी की कुंडली में सूर्य और बृहस्पति दोनों ही दिक्बली होकर मजबूत स्थिति में हैं इसलिए धोनी में बहुत अच्छी मैनेजमेंट कैपेसिटी या प्रबंधन क्षमता उपस्थित है जिससे वे क्रिकेट के किसी भी मुकाबले की कठिन से कठिन परिस्थिति में भी अपनी टीम तथा रणनीतियों को बहुत अच्छे से मैनेज कर पाते हैं…..

धोनी की कुंडली में ऐसे कौनसे विशेष ग्रह योग हैं जिन्होंने धोनी को एक बहुत श्रेष्ठ क्रिकेट खिलाडी के रूप में स्थापित किया इस बात पर चर्चा करने से पहले यह भी बड़ी विशेष बात है जैसा की हम सभी जानते हैं के महेंद्र सिंह धोनी के क्रिकेट में आने से पहले का प्रारंभिक समय संघर्ष और उतार चढ़ाव से भरा रहा था इसका भी एक विशेष कारण है धोनी की कुंडली में मंगल अष्टमेश होकर भाग्य स्थान (नवम भाव) स्थित है मंगल यहाँ शुभ भाव में होने से स्वयं तो बली है पर मंगल को पुरुषार्थ और परिश्रम का ग्रह माना गया है इसलिए समान्यतः भाग्य स्थान में मंगल होने पर व्यक्ति का भाग्योदय कठिन परिश्रम और पुरुषार्थ के बाद ही होता है और यहाँ मंगल अष्टमेश होने से कुंडली का आकारक ग्रह भी है और अष्टमेश भाग्य स्थान में होने से ऐसे में व्यक्ति को संघर्ष और बाधाओं के बाद ही सफलता मिल पाती है तो यह धोनी की कुंडली का एक ऐसा योग है जिस कारण उनका प्रारंभिक जीवन उतार चढ़ाव में रहा पर उनकी कुंडली के अन्य सभी ग्रह योग बहुत श्रेष्ठ हैं जिस कारण पुरुषार्थ के बाद उन्हंि बहुत विशेष सफलता मिली।  

अब उन ग्रहयोगों को देखते हैं जिनके कारण धोनी एक श्रेष्ठ खिलाडी बन पाए.......ज्योतिषीय  दृष्टिकोण से मंगल को स्पोर्ट्स या खेलो में सफलता का कारक ग्रह माना गया है क्योंकि मंगल ही हमारी हिम्मत, शक्ति, पराक्रम, बल प्रतिष्पर्धात्मक शक्ति भी देता है तो धोनी की कुंडली में स्पोर्ट्स में सफलता दिलाने वाले सभी घटक अच्छी स्थिति में है इसके अलावा यहाँ बुधादित्य योग और बली बृहस्पति  के बारे में तो हम बता ही चुके हैं जिस कारण उनकी प्रतिभा को एक श्रेष्ठ स्तर मिल पाया वास्तव में कुंडली में अच्छी स्थिति में बना बुधादित्य योग एक खिलाडी को सटीक और अच्छे निर्णय लेने की क्षमता देता है जो उसकी सफलता का एक मुख्य आधार बनता है।  

यह बात तो हम सभी जानते हैं के धोनी जितने अच्छे बल्लेबाज और कीपर हैं उतने ही अच्छे कप्तान भी साबित हुए हैं और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट ने बहुत विशेष सफलताएं भी प्राप्त की हैं वास्तव में ऐसा जरुरी नहीं है के एक अच्छा प्लेयर एक अच्छा कप्तान भी साबित हो पर धोनी की कुंडली में इसके लिए भी कुछ विशेष ग्रह योग हैं ज्योतिष में सूर्य को मैनेजमेंट का कारक तो माना ही गया है पर सूर्य लीडरशिप का भी ग्रह है धोनी की कुंडली में सूर्य दशम भाव में होने से दिक्बली होकर बहुत मजबूत है साथ ही नवांश कुंडली में सूर्य उच्च राशि (मेष) में है जिस कारण धोनी में टीम मैनेजमेंट के साथ साथ लीडरशिप का भी विशेष गुण विद्यमान है और मजबूत सूर्य के कारण ही वे भारतीय क्रिकेट टीम के एक श्रेष्ठ कप्तान साबित हुए।

अब धोनी को जीवन में मिली ऊंचाइयों और अंतरराष्ट्रीय सफलता की बात करते हैं…… सर्व प्रथम तो धोनी की कुंडली में लग्नेश बुध का केंद्र में स्वराशि में होना बहुत शुभ है कुंडली में लग्नेश और सूर्य का बली होना व्यक्ति की प्रसिद्धि को निश्चित करता है धोनी की कुंडली में लग्नेश बुध और सूर्य दोनों ही बहुत अच्छी स्थिति में हैं जिस कारण इन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा और यश की प्राप्ति हुई। लग्नेश का बली होकर केंद्र में होना राजयोग माना गया है धोनी की कुंडली में लग्नेश बुध तो बली है ही साथ ही लग्न में बृहस्पति और चन्द्रमाँ की युति से गजकेसरी योग भी बन रहा है जो जीवन में विशेष समृद्धि प्रदान करता है धोनी की कुंडली में लाभेश चन्द्रमाँ का लग्न में होना तथा धनेश और वैभव के कारक शुक्र का लाभ स्थान में होना उनके जीवन में समृद्धि ऐश्वर्य और वैभव प्रदान करता है……… धोनी में एक श्रेष्ठ खिलाडी की जो विशेष प्रतिभाएं उपस्थित है वे तो उनकी सफलता का मुख्य आधार है ही पर विशेष रूप से उनकी कुंडली में दशमेश बुध दशम भाव (करियर का भाव) में ही होने से यहाँ दशम भाव बहुत बलवान है जिस कारण उन्हें अपने क्रिकेट करियर में इतनी विशेष सफलताएं मिलीं आइल अलावा आजीविका का नैसर्गिक कारक शनि भी लग्न में अच्छी स्थिति में है ज्योतिष में शनि और बृहस्पति का योग बहुत अच्छा माना गया है शनि और बृहस्पति का योग यदि शुभ भाव में हो तो ऐसे में व्यक्ति अपने कर्म क्षेत्र में कुछ विशेष करके दिखाता है और कैरियर में विशेष सफलता प्राप्त करता है तो धोनी की कुंडली में दशम भाव और दशमेश बुध का बली होना और शनि बृहस्पति का योग उनके करियर की सफलता का एक मुख्य कारण है। वर्तमान समय में धोनी की कुंडली में राहु की महादशा चल रही है जो वर्ष 2020 तक रहेगी और धोनी की कुंडली में राहु लाभ स्थान में बहुत अच्छी स्थिति में है अतः आगे आने वाले समय में भी धोनी अपनी प्रतिभा से भारतीय क्रिकेट का नाम रोशन करते रहेंगे।

तो ये महेंद्र सिंह धोनी की कुंडली में बने ऐसे विशेष ग्रह योग हैं जिनके कारण धोनी में न केवल उच्च कोटि की प्रतिभा का उदय हुआ बल्कि वे एक श्रेष्ठ क्रिकेट खिलाडी और भारतीय क्रिकेट में एक श्रेष्ठ कप्तान के रूप में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल हो पाए.........

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