Wednesday, August 23, 2017

कमजोर बुध उत्पन्न करता है ये स्वास्थ समस्याएँ -


कमजोर बुध उत्पन्न करता है ये स्वास्थ समस्याएँ -

फलित ज्योतिष में बुध अपनी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और हमारे जीवन के बहुत विशेष घटकों को नियंत्रित करता है बुध को सबसे कम आयु का ग्रह माना गया है इस लिए इसे राजकुमार का पद दिया गया है, बुध का रंग हरा है वर्ण वैश्य  है बुध मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है कन्या राशि बुध की उच्च राशि भी है और मीन राशि में बुध नीचस्थ अर्थात सबसे कमजोर होता है, शनि, शुक्र और राहु  बुध के मित्र ग्रह हैं और गोचरवश बुध किसी भी राशि में लगभग एक माह रहता है।

ज्योतिष में बुध को वैसे तो बुद्धि, कैचिंग पॉवर, तर्कशक्ति, निर्णय क्षमता, याददास्त, सोचने समझने की क्षमता,  वाणी, बोलने की क्षमता, उच्चारण, व्यव्हार कुसलता, सूचना, संचार, यातायात, व्यापार, वाणिज्य, गणनात्मक विषय, लेखन,  कम्युनिकेशन और गहन अध्ययन का कारक माना गया है और ये सभी घटक हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं विशेषतः बुद्धि क्षमता की तो आज के समय में सर्वाधिक और हर जगह आवश्यकता होती है

पर इन सब के अलावा बुध का हमारे स्वास्थ और शरीर पर भी बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है बुध हमारे शरीर के बहुत विशेष घटकों को नियंत्रित करता है ज्योतिष की चिकित्सीय शाखा में बुध को मष्तिष्क, नर्वस-सिस्टम, गला, नसें, त्वचा, बोलने की क्षमता, याददाश्त आदि का प्रतिनिधित्व बुध ही करता है इसलिए यदि कुंडली में बुध कमजोर या पीड़ित हो तो व्यक्ति को कुछ विशेष स्वास्थ समस्यायों का सामना करना पड़ता है –

यदि कुंडली में बुध नीच राशि (मीन) में हो, छटे या आठवे भाव में स्थित हो, केतु या मंगल से पीड़ित हो, सूर्य के साथ समान अंश पर होने से पूर्णासत हो, षष्टेश अष्टमेश से पीड़ित हो या अन्य किसी भी प्रकार जब बुध बहुत कमजोर या पीड़ित हो ऐसे में व्यक्ति को मष्तिष्क से जुडी समस्यायें और न्यूरो प्रॉब्लम्स रहती हैं, मष्तिष्क से ही शरीर की सभी गतिविधियां नियंत्रित होती हैं इसलिए फिट्स पड़ने वाली समस्या भी कुंडली में बुध पीड़ित होने के कारण ही होती है, बुध पीड़ित होना ही नर्वससिस्टम और नसों से जुडी समस्याएं उत्पन्न करता है, कुंडली में पीड़ित बुध के कारण व्यक्ति को त्वचा संबंधी समस्याएं (स्किन प्रॉब्लम्स) और स्किन एलर्जी की समस्या बहुत होती है इसके अलावा कुंडली में बुध का पीड़ित होना उच्चारण को लेकर भी समस्याएं देता है हकलाहट या शब्दों को स्पष्ट रूप से ना बोल पाने की समस्या भी कमजोर या पीड़ित बुध के कारण ही होती है, गले से जुडी समस्याएं जल्दी जल्दी टॉन्सिल होना भी पीड़ित बुध के ही लक्षण हैं, जिन लोगों की कुंडली में बुध पीड़ित स्थिति में होता है उन्हें याददाश्त से जुडी समस्याएं भी बहुत परेशान करती हैं ऐसे लोगो को बातों को भूलने की समस्या भी रहती है इन सबके अतिरिक्त बुध का पीड़ित होना व्यक्ति को हेजिटेशन की समस्या भी देता है।

वैसे तो प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली के ग्रहयोग भिन्न होने के से सबके लिए व्यक्तिगत उपाय अलग होते हैं पर यहाँ पीड़ित बुध से उत्पन्न स्वास्थ समस्याओं के लिए हम ऐसे उपाय बता रहे हैं जिन्हें प्रत्येक व्यक्ति कर सकता है –

उपाय -

1. ॐ बुम बुधाय नमः का रोज सामर्थ्यानुसार 1, 2 या 3 माला जाप करें।
2. गणेश जी की उपासना करें।
3. प्रत्येक बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाएं।
4. पेड़ पौधों का पालन पौषण करें।
5. किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह के बाद पन्ना रत्न भी धारण किया जा सकता है।



।।श्री हनुमते नमः।।

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