कमजोर चन्द्रमाँ बनाता है व्यक्ति को इमोशनली सैंसिटिव -
हम अपने पूरे जीवन में कितनी ही बार सुख-दुःख, सफलता-विफलता, उत्साह-निराशा आदि कितनी ही अलग अलग परिस्थितियों का सामना करते हैं पर इन परिस्थितियों में जो चीज हमें सुख या दुःख का अनुभव कराती है वह है हमारा मन, हमारा मन संघर्ष के समय में जहाँ हमें दुःख या निराशा का अनुभव कराता है वही मन हमें उस दुःख या निराशा की परिस्थिति का सामना करने की आंतरिक शक्ति भी देता है। मन का मजबूत होना व्यक्ति को परिस्थिति के अनुरूप ढलने की शक्ति देता है तो वहीं कमजोर मन व्यक्ति की आंतरिक शक्तियों को क्षीण बनाता है तथा कमजोर मन या क्षीण आतंरिक शक्ति के कारण व्यक्ति पर परिस्थिति या भावनाये जल्दी हावी हो जाती हैं तो आईये देखते हैं इसके कुछ ज्योतिषीय तथ्य –
ज्योतिष में चन्द्रमाँ को मन का कारक माना गया है चन्द्रमाँ ही हमारी मानसिक और भावनात्मक स्थिति को नियंत्रित करता है व्यक्ति की भावनात्मक और मानसिक शक्ति कैसी होगी यह उसकी जन्मकुंडली में स्थित चन्द्रमाँ पर निर्भर करता है कुंडली में मजबूत चन्द्रमाँ जहाँ व्यक्ति के मन को एकाग्र, शांत और आंतरिक शक्ति से युक्त बनाता है वहीँ कुंडली में चन्द्रमाँ कमजोर होने पर व्यक्ति की मानसिक और भावनात्मक स्थिति अस्थिर और अशांतिपूर्ण होती है।
यदि कुंडली में चन्द्रमाँ पाप भाव(6,8,12) में हो, नीच राशि वृश्चिक में हो, अमावश्या का हो और विशेष रूप से यदि चन्द्रमाँ राहु या शनि के साथ या इनसे दृष्ट हो ऐसे में चन्द्रमाँ पीड़ित होने से व्यक्ति को जीवन में मानसिक रूप से बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिन लोगो की कुंडली में चन्द्रमाँ अति पीड़ित स्थिति में हो तो ऐसे व्यक्ति को मानसिक शांति की हमेशा कमी महसूस होती है, ऐसे में व्यक्ति को अधिक मानसिक तनाव, ओवर थिंकिंग या नेगेटिव थिंकिंग की बहुत समस्या होती है और कमजोर चन्द्रमाँ ही व्यक्ति को इमोशनली सेंसिटिव बनाता है कुंडली में चन्द्रमाँ पीड़ित होने पर व्यक्ति बहुत अधिक भावुक प्रकृति का होता है। कमजोर चन्द्रमाँ वाला व्यक्ति किसी भी बात को लेकर बहुत जल्दी परेशन हो जाता है और ऐसा व्यक्ति अपने साथ घटी घटनाओ को आसानी से नहीं भुला पाता, भावनाओं में बहुत जल्दी बह जाता है, कमजोर चन्द्रमाँ वाला व्यक्ति अपने मन की बातो को आसानी से किसी से शेयर नहीं कर पाता और मानसिक घुटन की स्थिति में रहता है ऐसे व्यक्ति को अकेले में रोने की आदत होती है अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त नहीं कर पाता। कुंडली में चन्द्रमाँ पीड़ित होने पर व्यक्ति काबिल होने पर भी अपने को अंडरस्टीमेट करता रहता है। जिन बच्चों की कुंडली में चन्द्रमाँ पीड़ित स्थिति में होता है वो छोटी छोटी बातों पर जल्दी ही रोने लगते हैं और किसी भी काम को करने से पहले ही घबराने लगते हैं ऐसे बच्चो को अपने माता पिता के इमोशनल सपोर्ट की बहुत आवश्यकता होती है। इमोशनल सेंसिटिविटी के अलावा डिप्रेशन, एंग्जायटी, घबराहट और साइकोलॉजिकल डिसऑडर्स का कारण भी कमजोर या पीड़ित चन्द्रमाँ ही होता है, कमजोर चन्द्रमाँ ही व्यक्ति को मूड स्विन्ग्स की समस्या देता है और पीड़ित चन्द्रमाँ ही व्यक्ति के मन में कई बार अपने जीवन तक को समाप्त कर लेने जैसे नकारात्मक विचार ला देता है इस लिए आज के समय में चन्द्रमाँ की भूमिका हमारे जीवन में बहुत अधिक है इसके साथ ही यदि हमारे आस पास भी कोई ऐसे व्यक्ति या बच्चे हो जो इमोशनली बहुत सेंसिटिव हों तो हमेशा उन्हें इमोशनल सपोर्ट देकर उनसे उत्साहवर्दक बातें करके उकके उत्साह को बढ़ाते रहना चाहिए नहीं तो कई बार ऐसे व्यक्ति या बच्चे भावुकता या क्षीण मानसिक शक्ति के कारण अपने आप में उपस्थित प्रतिभा को बाहर नहीं निकाल पाते।
कमजोर चन्द्रमाँ के नकारात्मक परिणाम से बचने और चन्द्रमाँ को सकारात्मक और बली करने के लिए हम कुछ उपाय बता रहे हैं जो आपके लिए सहायक होंगे -
उपाय -
1. ॐ सोम सोमाय नमः का जाप करें (एक माला रोज)
2. आदित्य हृदय स्तोत्र का रोज पाठ करें।
3. चाँदी की एक ठोस गोली का लॉकेट गले में धारण करें।
4. सफ़ेद चन्दन का तिलक मस्तक पर लगाएं।
5. प्रातः काल जल्दी उठकर सूर्य दर्शन अवश्य करें।
6. किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श के बाद मोती भी धारण कर सकते हैं।
7. प्रतिदिन शिवलिंग का दूध और जल से अभिषेक करें।
8. अकेले में रहने की आदत न डालें और मन की बातों को शेयर करने की कोसिस करें।
9. प्रतिदिन कुछ देर के लिए अपने इष्ट (देव/देवी) के सामने जरूर बैठे और उनकी आँखों में देखते हुए मानसिक रूप से अपने मन की बाते उन्हें बतायें अवश्य लाभ होगा।
।।श्री हनुमते नमः।।
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