Tuesday, August 1, 2017

अष्टम भाव में राशियों का क्या फल








अष्टम भाव में राशियों का क्या फल होगा वो बताते हैं
मेष = मेष राशि अष्टम भाव में आएगी तो वृश्चिक राशि
3 भाव में मतलब दोनों आयु के स्थान होंगे अब अगर अष्टम भाव
का स्वामी मंगल बलबान हुआ तो दीर्घ
आयु देगा बलहीन मंगल आयु की
कमी करेगा ,
वृष = राशि अष्टम भाव में आएगी तो शुक्र लग्न
भी हुआ और 8 भाव का स्वामी
भी हुआ मूल त्रिकोण राशि लग्न में ही
होने से बलबान शुक्र लम्बी आयु देगा
बलहीन शुक्र अल्प आयु देगा और यह बात ध्यान
में रखनी चाहिए हमे की जो अष्टम भाव
पे जिस ग्रह का प्रभाव पड़ेगा वो हमारी मृतयु का
कारण बतायेगा , शुक्र की दशा अच्छा ही
फल देगी क्योंकि शुक्र 8 भाव के साथ ,साथ लग्न का
स्वामी भी हैं
मिथुन= मिथुन राशि 8 भाव में आएगी तो बुद्ध 8 और
11 भाव का स्वामी होगा दोनों ही बुरे
बलहीन बुद्ध बचपन में ही मृतयु दे देगा
निर्बल बुद्ध जल्द ही विदेश यात्रा करवाएगा , 6 भाव
में मेष राशि का बुद्ध पापयुक्त शुभ प्रभाव में ना हो तो शुभ दृस्थ
ना हो तो बहुत रोग और कष्ट देगा परन्तु यही योग
विपरीत राजयोग बनायेगा जिससे अतुल्य धन सम्पति
मिलेगी ,
कर्क =कर्क राशि अष्टम भाव में आएगी तो चन्द्रमा
को अष्टमेश का दोष नहीं लगता बलबान चन्द्रमा
अपनी दशा ,अंतर्दशा में धन ,मान आदि देगा , यदि
बलहीन हुआ तो कुमार अवस्था या बचपन में
ही मृतयु दे देगा ,
सिंह = सिंह राशि 8 भाव में आने से सूर्य को अष्टम भाव का दोष
नहीं लगता तो बलबान सूर्य दशा आदि में शुभ फल देगा
,8 भाव और सूर्य पे जिस तरह् का प्रभाव होगा वो
हमारी मृतयु का कारण बतायेगा ,
कन्या =कन्या राशि 8 भाव में आएगी तो बुद्ध 8 भाव
का स्वामी और 5 भाव का स्वामी होगा तो
मूलत्रिकोण राशि 8 भाव में होने से ज्यादा शुभ नहीं
हैं बलबान बुद्ध तो यहॉ शुभ फल करेगा मगर
बलहीन बुद्ध बुद्ध, बुद्धि ,चेतना का नाश पुत्र के
द्वारा दुःख उठाने वाला, कुमार अवस्था में ही मृत्यु ,
सीघ्र ही विदेश जाना हो ,
तुला=तुला राशि अष्टम भाव में आ जाने से शुक्र 8 और 3 भाव का
स्वामी होगा दोनों ही आयु के भाव हैं
बलबान शुक्र लम्बी आयु देगा अस्तम्भवः और शुक्र
पर पड़ने वाला प्रभाव मृतयु का कारण बतायेगा बलहीन
शुक्र मित्रो से अपमानित करवाएगा ,
वृश्चिक = वृश्चिक राशि 8 भाव में आ जाने से मंगल लग्न और 8
भाब का स्वामी होगा बलबान मंगल लम्बी
आयु देगा ,मंगल बलहीन हो पाप प्रभाव् में हुआ तो
अंडकोष ,गुदा आदि में कोई गुप्त रोग देगा यदि मंगल पर शनि
की दृष्टि हो तो जातक की हत्या हो
सकती हैं क्योंकि 8 भाव दूसरे की आयु
मतलब हर किसी की आयु का स्थान और
लग्न और 11 भाव निज सेल्फ सम्बद हैं
धनु = धनु राशि 8 भाव में आएगी तो गुरु अष्टमेश और
लाभेश बनता हैं गुरु बलबान हो और अष्टम भाव पे पाप प्रभाव
हो तो विदेश सेवा या विदेश यात्रा से लाभ होता हैं गुरु बलबान
लम्बी आयु देगा गुरु की दशा ,अंर्तदशा
ज्यादा धन देने वाली नहीं
होगी ,
मकर = मकर 8 भाव में आने से शनि 8 और 9 भाव का
स्वामी होगा तो शनि अच्छा ही फल देगा
क्योंकि शनि की मूलत्रिकोण राशि 9 त्रिकोण भाव में होने
से 8 भाव के शनि शुभ ही फल देगा ,बलबान शनि
लम्बी आयु देगा ,क्योंकि शनि आयुकारक
भी हैं ,
कुंभ = कुंभ राशि 8 भाव में आने से शनि 8 और 7 भाव का
स्वामी होगा यदि शनि बलबान हुआ तो
लम्बी आयु होगी , क्योंकिशनि आयु स्थान
का स्वामी हैं जातक के स्त्री
की वाणी कड़वी हो
सकती हैं निर्बल शनि बुरा ही फल देगा ,
मीन =मीन राशि 8 भाव में आने से गुरु 5
और 8 भाव का स्वामी होगा गुरु बलबान हुआ तो पुत्र
सुख देगा ,बलहिन् हुआ तो पुत्र से अपमानित होगा , यदि निर्बल
हुआ तो अल्पायु देगा निर्बल गुरु पाप दृष्टि हुआ तो विदेश यात्रा

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