आज के समय में शेयर मार्किट एकऐसा विषय है जिसकी और हर एकव्यक्ति आकर्षित होता है और इसे धनलाभ अर्जित करने के लिए एक सुनहरेमार्ग के रूप में देखा जाने लगा है औरअधिकांश व्यक्ति अपने पास उपस्थितधन का कुछ ना कुछ भाग शेयर मार्किटमें इन्वेस्ट करने के इच्छुक होते ही हैं, पर सभी व्यक्तियों को इस क्षेत्र से लाभप्राप्त होता ही हो ऐसा नहीं है, जहाँबहुत से लोग शेयर में अपना धन इन्वेस्टकरके बड़ा लाभ कमाते हैं तो बहुत सेव्यक्तियों को भारी नुकसान का भीसामना करना पड़ता है ज्योतिषीय दृष्टि में प्रत्येक व्यक्ति की जन्मकुंडली में ग्रहस्थिति भिन्न-भिन्न होती है इसलिए जिस कार्य में एक व्यक्ति उन्नति कर रहा है दूसरा भी उसमे सफल हो ऐसा आवश्यक नहीं है इसी प्रकार शेयर मार्किट का क्षेत्र किसी व्यक्ति के लिए लाभदायक होगा या नहीं यह पूरी तरह उसकी कुंडली में बनी ग्रहस्थिति पर निर्भर करता है, तो आईये जानते हैं हमारी कुंडली में कौनसे ग्रहयोग शेयर मार्किट से लाभ कराने में अपनी भूमिका निभाते हैं।
ज्योतिष में शेयर मार्किट के लिए सीधेसीधे किसी एक ग्रह की भूमिका नहोकर कुंडली के “पंचम भाव” कोसर्वाधिक महत्व दिया गया है, जन्मकुंडली के पंचम भाव को शेयर, लॉट्री या स्पेकुलेशन आदि का कारकभाव माना गया है इसलिए शेयर मार्किटसे जुड़ने या लाभ प्राप्त करने में सबसेपहले तो कुंडली के पंचम भाव औरपंचमेश का शुभ स्थिति में होनाआवश्यक है, इसके बाद लाभ स्थानअर्थात कुंडली के ग्यारहवे भाव की भीयहाँ महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि किसीभी प्रकार से इन्वेस्ट किये गए धन सेआपको लाभ प्राप्त हो पायेगा या नहींया किस स्तर का लाभ जीवन में होगायह लाभ स्थान और लाभेश की स्थितिपर निर्भर करता है, शुक्र धन औरविलासिता का कारक होने से यहाँअपनी सहायक भूमिका निभाता है इसीप्रकार राहु को आकस्मिक कार्य याझटके के कार्यों का कारक होने से राहुकी भी यहाँ सहायक भूमिका होती है, अतः निष्कर्षतः कुंडली में पंचम भावऔर पंचमेश बली स्थिति में होने परशेयर–मार्केट से शुभ परिणाम प्राप्तहोते हैं इसके अलावा लाभ स्थान, लाभेश और शुक्र जितनी अच्छी औरमजबूत स्थिति में होंगे उतना ही अच्छीमात्रा में व्यक्ति को लाभ होता है।
शेयर-मार्किट में सफलता के कुछ विशेष ग्रहयोग –
यदि कुंडली में पंचमेश पंचम भाव मेंही स्थित हो तो शेयर मार्किट से जुड़करलाभ प्राप्त होता है।यदि पंचमेश (पंचम भाव का स्वामी) स्व या उच्च राशि में होकर शुभ स्थान मेंहो तो शेयर मार्किट में लाभ प्राप्त होताहै।यदि बली पंचमेश की पंचम भाव परदृष्टि हो तो यह भी शेयरमार्केट मेंसफलता दिलाता है।पंचमेश का दशम या एकादश भावमें होना भी शेयर मार्किट से जुड़करलाभ कराता है।यदि पंचमेश दशम भाव में औरदशमेश पंचम भाव में हो तो शेयरमार्किट से जुड़कर व्यक्ति लाभ प्राप्तकरता है।यदि पंचमेश लाभ स्थान (ग्यारहवाभाव) में और लाभेश पंचम भाव में होतो व्यक्ति शेयर मार्किट से बहुत लाभकमाता है।पंचमेश और धनेश का राशिपरिवर्तन भी शेयर मार्किट में अच्छेपरिणाम दिलाता है।यदि लाभेश लाभ स्थान में हो यालाभेश की लाभ स्थान पर दृष्टि हो तथापंचमेश और पंचम भाव शुभ स्थिति मेंहों तो भी शेयर मार्किट में अच्छा लाभमिलता है।पंचमेश का लाभेश या दशमेश केसाथ केंद्र – त्रिकोण में होना भी इसक्षेत्र से लाभ कराता है।भाग्येश और पंचमेश का राशिपरिवर्तन भी शेयर मार्किट के लिएअच्छा योग है। राहु का लाभ स्थान (ग्यारहवाभाव) में होना शेयर मार्किट के क्षेत्र केलिए सहायक होता है पर पंचम भावऔर पंचमेश शुभ स्थिति में होने चाहियें।यदि शुक्र स्व या उच्च राशि में होतथा पंचमेश शुभ स्थान (केंद्र–त्रिकोण) में हो तो यह भी शेयर मार्किट में अच्छीसफलता दिलाता है।राहु का उच्च राशि में होकर शुभ स्थान में बैठना भी व्यक्ति को आकस्मिक निर्णय लेने की अच्छी क्षमता देकर शेयर मार्किट के क्षेत्र में सहायक होता है।राहु शुभ भाव में हो कुंडली के शुभकारक ग्रहों के प्रभाव में हो तथा किसी ग्रह के साथ कोई दुर्योग न बना रहा हो तो भी इस क्षेत्र के लिए सहायक होता है।
विशेष – जैसा की हमने यहाँ देखा केकुंडली का पंचम भाव शेयर मार्किट केकार्य में अपनी अहम भूमिका निभाता हैऔर लाभ स्थान व लाभेश की स्थितिहोने वाले लाभ का स्तर तय करती है तोयहाँ विशेष बात यही है के पंचम भावऔर पंचमेश बली होने पर भी आपकीपूरी कुंडली की स्ट्रैन्थ कितनी है यहबात संपूर्ण सफलता को निश्चित करतीहै अर्थात पंचम भाव और पंचमेश तोबहुत लोगो की कुंडली में बलि हो सकतेहैं पर हर व्यक्ति की कुंडली में बने बाकिअच्छे या कमजोर ग्रहयोग प्रत्येक व्यक्तिको भिन्न स्तर की सफलता देते हैं। कुंडली में पंचम भाव, पंचमेश व लाभस्थान शुभ स्थिति में होने पर जो ग्रहकुंडली में बहुत बलवान और अच्छीस्थिति में हो उन से सम्बंधित
वस्तुओं परनिवेश करना अच्छा होता है।
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