Wednesday, January 24, 2018

सोलह मुखी रुद्राक्ष



सोलह मुखी रुद्राक्ष



सोलह मुखी रुद्राक्ष को भगवान विष्णु एवं भगवान शिव का रुप माना जाता है| 16 सोलह मुखी रुद्राक्ष, सोलह कलाओं एवं सिद्धियों का प्रतीक है. इसे पहनने वाले को सोलह सिद्धियों का ज्ञान प्राप्त होता है. सोलह मुखी रुद्राक्ष विष्णु और शिव का संयुक्त रूप है और विजय प्राप्त होने का प्रतिनिधित्व करता है. यह रूद्राक्ष "केतु" द्वारा शासित माना गया है तथा केतु के बुरे प्रभावों से बचाता है. यह रूद्राक्ष की दुर्लभ किस्मों में से एक है |

सोलह मुखी रुद्राक्ष के लाभ
सोलह मुखी रूद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति भगवान की भक्ति पाता है  और सत्य को निभाते हुए अपने जीवन और सात जन्म के पुण्य लाभ पाते हैं |माना जाता है कि अर्जुन ने जब मछली की आँख को साधा था तब उन्होंने सोलह मुखी रूद्राक्ष रुद्राक्ष को धारण कर रखा था अत:  सोलह मुखी रूद्राक्ष  को पहनने के बाद व्यक्ति असाधारण क्षमता को पाता है |सोलह मुखी रूद्राक्ष समस्त सुखों का भोग कराता है तथा सभी पापों से मुक्त करने में सहायक है |व्यक्ति को किसी प्रकार का भय नही सताता तथा जिस घर में 16 मुखी रूद्राक्ष रखा हो वह घर चोरी, डकैती, या आग की समस्याओं से मुक्त होता है|सोलह मुखी रुद्राक्ष को उपयोग में लाने से पक्षपात जैसे रोग भी दूर हो जाते हैं शरीर की सूजन, गले संबंधी रोगों से मुक्ति प्राप्त होती है|तपेदिक, कुष्ठ रोग, फेफड़ों के रोगों जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए सोलह मुखी रुद्राक्ष  लाभदायक है| सोलह मुखी रुद्राक्ष कैसे पहनना चाहिए

 सोलह मुखी रुद्राक्ष सोने या चांदी में जड़ा होना चाहिए और लाल धागे मे डालकर गर्दन मे पहनना चाहिए| सोलह मुखी रुद्राक्ष को पूजा के स्थान पर मंत्र का जाप करके  पहनना चाहिए|

सोलह मुखी रुद्राक्ष मंत्र

   "ओम नमः शिवाय"

    "‘ॐ ह्रीं हूम"






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