Friday, January 12, 2018

राहु का चमत्कार

राहु का चमत्कार
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राहु जिस भाव में बैठता है, मानो जैसे उस भाव में आन्धिया चलने लगती हैं, वो भाव स्थिर नहीं रह सकता | और अगर आपने उस भाव को स्थिर रख लिया तो यकीनी तौर पर तुम राहु को नराज़ कर बैठोगे | तो राहु को खुश करने का सिर्फ़ एक ही तरीका है कि उस भाव को राहु के रंग में रंग दो, और फ़िर राहु के रंग को अपनी ज़िन्दगी में उतरने दो, फ़िर देखना जब राहु का रंग तुम पर चडेगा तो किसी और रंग की ज़रुरत नहीं पडेगी, और यही है रंग राहु.......

जैसे किसी की कुण्डली में राहु लगन में बैठा है, तो यकीनी तौर पर उसकी बाडी सटेबल नहीं रहेगी, जैसे अंदर से नबज़ तेज़ चल रही हो, धड़कने हमेशा बढी ही रहती हो, मानो जैसे बाडी में कम्पन ही लगा रहता हो | तो यकीनी तौर पर करीयर की सफ़लता में भी दिक्कत बन जाती है ये शरीर की कमज़ोरी | तो क्यु ना इस कमज़ोरी को ही ताकत में बदल दिया जाये | राहु की शर्त है कि जातक की बाडी सटेबल नहीं रहेगी तो ठीक है सटेबल ना रखो, करीयर खेल कूद में बनायो, डान्सिन्ग में बनायो, जिस से तुम्हारी बाडी लगातार झूमती रहे, धड़कने बढी रहे, और राहु की शर्त पूरी हो | फ़िर देखो राहु का रंग तुम पर चडेगा और क्या खूब चढेगा, कि किसी और रंग की ज़रुरत ही ना पडेगी |


राहु कुण्डली के दूसरे भाव में
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कुण्डली का दूसरा भाव खाने और वस्त्रों से सम्बन्धित है | और राहु हमेशा दूसरो का ध्यान चाहता है | और क्या होगा, जब राहु दूसरे स्थान की चीज़ो को प्रयोग करेगा, लोगो का ध्यान खीचने में | जातक की दुकान हो सकती है खाने से सम्बन्धित, जातक की दुकान हो सकती है कपडो से सम्बन्धित | जातक को होटेल मैनेज़मेन्ट में सफ़लता प्राप्त होने के चान्स बढ जाते हैं | जातक फ़ैशन इन्डसट्री में भी करीयर बना सकता है | कपडो पर डिज़ाइनिग से सम्बन्धित कार्य में भाग्य को आज़मा सकता है | लेकिन शर्त ये है कि बुध कुण्डली में पीडित नहीं होना चाहिये, मज़बूत स्थिति में होना चाहिये | तभी जातक को इन सब में सफ़लता मिलेगी |

और यदि राहु दूसरे भाव में बुरे फ़ल दे रहा हो तो कटी फ़टी जीन्स नहीं पहननी चाहिये | फ़ास्ट फ़ूड और मैदे वाला भोजन कम से कम खाना चाहिये | खाने के बाद सोन्फ़ और गुड का सेवन करना चाहिये | बुध को अच्छा करने के लिये दूध में हरी इलायची डाल कर पीना चाहिये | महीने में कम से कम एक बार बड़े होटेल में खाना चाहिये | सुबह उठ कर शहद का सेवन करना चाहिये | गुरुवार के दिन मसतक पर हलदी का तिलक करना चाहिये | गले में हरे रंग के धागे में ताम्बे का सिक्का धारण करना चाहिये | गुरुवार के दिन कन्यायो में बेसन की मिठाई बाँटनी चाहिये | कच्चा कोयला, उडद की दाल, काले तिल और नारियल पानी में प्रवाहित करने चाहिये | गुरुवार के दिन नमक का सेवन नही करना चाहिये और चने की दाल का धर्मस्थान में दान करना चाहिये |


राहु कुण्डली के तीसरे भाव में
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और तीसरा भाव होता है वाणी का, छोटी यात्रायो का, ई - मेल आदि से सम्बन्धित है | तो क्या होगा जब राहु इन सब का प्रयोग अपने लिये करेगा | ऐसे में जातक को ईन्टरनेट से सम्बन्धित कार्य, मारकिट में सम्बन्धित कार्य, काल सैंटर आदि में नौकरी, किसी भी तरह के ऐसे कार्य जिसमे टेकनालोजी के माध्यम से सेवाये देनी हो, खराब चीज़ो को रिपेयर करने के कार्य में जातक को सफ़लता मिलने के चान्स बढ जाते हैं | जातक घर से दूर नौकरी करके सफ़ल जीवन जी सकता है, फ़ौज और पुलिस विभाग, खेलों में भी जातक अपने भाग्य को आज़मा सकता है | सिविल इंजीनियर भी जातक बन सकता है |

और यदि तीसरे भाव में राहु बुरे फ़ल दे रहा हो, तो जातक को अपनी माता से चान्दी की चैन लेकर गले में धारण करनी चाहिये | दुर्गा माता के लिये अराधना करनी चाहिये | हर महीने की अशटमी तिथि पर व्रत करना चाहिये और कन्यायो की सेवा करनी चाहिये | मंगलवार के दिन चमेली के तेल का दिया हनुमान जी के आगे जलाना चाहिये | अपने से छोटे भाई - बहनो को खुश रखना चाहिये | मंगलवार के दिन बजरंग बाण का पाठ करना चाहिये | नारियल हनुमान जी या फ़िर दुर्गा माता के चरणो में अरपित करना चाहिये | लाल और हरे रंग के वस्त्रों का प्रयोग कम से कम करना चाहिये | यदि बुध कमज़ोर है तो बुध के उपाये करने चाहिये और बुरे संगत के दोस्तों से बचना चाहिये

राहु कुण्डली के चोथे भाव में
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यदि कुण्डली में बुध ग्रह की स्थिति अच्छी है तो जातक प्रापरटी से सम्बन्धित कार्यो में, घरो को सजाने से सम्बन्धित कार्यो में, टैक्सटाइल डिज़ाइन जैसे कार्यो में, इन्टिरीयर डिज़ाइन जैसे कार्यो में, दवाइयां से सम्बन्धित कार्यो में, अध्यापन जैसे कार्यो में और मैनेज़मेन्ट के कार्यो में जातक अपने भाग्य को आज़मा सकता है |

और यदि चोथे भाव मे राहु बुरे फ़ल दे रहा हो, तो जातक को घर में गंगा जल रखना चाहिये | रोज़ पानी में गंगा जल मिला कर स्नान करना चाहिये | माता का कभी भी अनादर नहीं करना चाहिये, और उनहे उपहार दे कर आशिर्वाद प्राप्त करना चाहिये | ध्यान और मैडिटेशन करना चाहिये | हर रोज़ सुर्य को जल देना चाहिये और नियमित गायत्री मन्त्र का जप करना चाहिये | अमावस्या के दिन वृद्ध महिला को उपहार दे कर आशिर्वाद प्राप्त करना चाहिये | पूर्णिमा के दिन उपवास करना चाहिये और सत्य नारायण की कथा पड़नी चाहिये | मामा और मौसी से सम्बन्ध अच्छे रखने चाहिये, यदि उनको किसी चीज़ की ज़रुरत है तो मदद करनी चाहिये | गुरु शरण में रहना चाहिये और बुरे विचारो का त्याग करना चाहिये | और गर्मी के मौसम में मीठे शरबत का ज़रूर दान करना चाहिये


राहु कुण्डली के पांचवे स्थान में
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यदि कुण्डली में बुध की स्थिति अच्छी है तो ऐसे में जातक को क्रिएटिव कार्य में भाग्य आज़माना चाहिये, जैसे कि चीज़ो को सजाना, कोई डिज़ाइन त्यार करना, होटेल मैनेज़मेन्ट के कार्य, स्टाक मार्कीट और शेयर बज़ार में भाग्य आज़माना चाहिये, नावल और कहानिया में भी जातक प्रसिद्ध हो सकता है, पेन्टिग के कार्य, फ़ोटोग्राफ़ी के कार्य, और खास कर लड़कियो के लिये पारलर के कार्य अच्छे साबित हो सकते हैं | जातक को विदेश में भी सफ़लता प्राप्ति के योग बन जाते हैं |

 और यदि इस भाव में राहु बुरे फ़ल दे रहा हो तो, गुरु शरण में जाना चाहिये, तामसिक भोजन का त्याग करना चाहिये | जन्क फ़ूड बन्द कर देना चाहिये और हमेशा ताज़ा और सातविक भोजन करना चाहिये | यदि सेहत समस्या हो तो डाकटरी सलाह लेनी चाहिये और निर्देशनुसार भोजन में हरी सबज़ियो और फ़लो का सेवन करना चाहिये | पेट का ध्यान रखना चाहिये, कबज़ और गैस की समस्या नहीं रहनी चाहिये | हर गुरुवार केले के पेड़ पर जल अरपित करना चाहिये, चने की दाल धर्मस्थान में देनी चाहिये | गुरुवार का व्रत करना चाहिये | गुरुवार के दिन गुड़, घी के साथ हलवा बना कर दान करना चाहिये | और हर अमावस्या पर पित्रो के लिये दान पुण्य करना चाहिये |

राहु कुण्डली के छठे भाव में
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और छठा भाव कर्ज़े, रोग और शत्रु से सम्बन्धित होता है | और जब राहु इस भाव से लोगो का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करता है तो ऐसे में जातक बैन्किन्ग सैकटर में, चिकित्सक विभाग में, वकालत आदि के कार्यो में, लडाई से सम्बन्धित विभाग जैसे कोट कचहेरी आदि में नौकरी, किसी इन्शोरेन्स कम्पनी में, क्राइम इनवैसटीगेशन विभाव में, कमपियुटर, या फ़िर किसी भी तरह के पारिवारिक व्यवसाय में जातक भाग्य को आज़मा सकता है | इस के इलावा वेबसाइट सन्चालन, कमपियुटर पर चीज़ो के डिज़ाइन त्यार करना, कोई भी नेटवर्क में बिज़नस करना आदि के कार्य में जातक सफ़ल हो सकता है |

 और यदि इस स्थान पर राहु बुरे फ़ल दे रहा हो, तो घर में कुत्ता रखना चाहिये | गली के कुत्ते को तेल लगी रोटी शनिवार के दिन और तन्दूर में बनी रोटी मंगलवार के दिन खिलानी चाहिये | परिन्दो के लिये घर की घत पर भोजन और जल की व्यवस्था करनी चाहिये | शनिवार के दिन भैरव मंदिर में सरसो के तेल का दान करना चाहिये | भैरव मंदिर में शराब चढानी चाहिये और खुद शराब और मासाहार से परहेज़ करना चाहिये | यदि कुण्डली में बुध खराब हो तो बुधवार के दिन बकरी का दान किसी चरवाहे को करना चाहिये | मिट्टी के बरतन में सरसो का तेल भर कर ढक्कन लगा कर उसको किसी जल स्थान के किनारे दबा देना चाहिये | धर्म स्थान में पानी पीने के लिये व्यवसथा करनी चाहिये यस फ़िर किसी पार्क के पास लोगो के लिये जल पीने की व्यवसथा करनी चाहिये | और कर्ज़ लेने से बचना चाहिये, यदि कर्ज़ हो गया हो तो ये उपाये करने चाहिये और कर्ज़ की किश्त मंगलवार के दिन देनी चाहिये |


राहु कुण्डली के सातवें भाव में
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कुण्डली का सातवा भाव सांझेदारी का, जीवन साथी का, करीबी दोसतो का और रिलेशन्ज़ का होता है | बुध और शुक्र से प्रभावित इस स्थान पर राहु के आने से, जब राहु इन सब का प्रयोग लोगो का ध्यान आकर्षित करने के लिये करेगा, तो जातक को ऐसे में किसी भी तरह की डिज़ाइनिग की फ़ील्ड, चाहे कपड़े पर डिज़ाइनिग हो, घरो की डिज़ानिग हो, या अन्य साज सज्जा से सम्बन्धित कार्य हो, कोई जनरल सटोर हो, शिन्गार के सामान की सपलाई करना हो, घरो में सजावट के सामान की विक्री के कार्य हो, अकाउंट से सम्बन्ध कोई कार्य हो, मिठाई और अन्य पकवान की दुकान हो, इन सब में जातक को सफ़लता मिल सकती है | लेकिन पकवानो में फ़ास्ट फ़ूड के कार्य नहीं करने चाहिये, इन से राहु घरेलु जीवन में परेशानी देता है |

 यदि इस स्थान पर राहु बुरे फ़ल दे रहा है तो विवाहिक जीवन में तनाव की स्थिति रहती है | इस लिये बुध और शुक्र के दान करने चाहिये | शुक्रवार के दिन दही से स्नान करना चाहिये | बुधवार के दिन गणपति जी को बुन्दी के लड्डू अरपित करने चाहिये और गणेश चालिसा का पाठ करना चाहिये | नियमित गणेश और लक्ष्मी जी की अराधना करनी चाहिये | जीवन साथी के साथ दो बार फ़ेरे लेने से राहु की शर्त पूरी होती है और विवाह टूटने की नौबत नहीं आती | अमावस्या के दिन खीर का दान किसी महिला को करना चाहिये | हर शुक्रवार शिवलिंग पर दही का अभिषेक करनी से भी विवाहिक जीवन की दिक्कते दूर होती हैं | हरे, नीले और लाल रंग के वस्त्रो का प्रयोग नहीं करना चाहिये | हर वर्ष जीवन साथी को चान्दी का उपहार देने से राहु शान्ति होती है | जीवन साथी के हाथ की सबसे छोटी उन्गली में चान्दी की रिन्ग धारण कराने से जीवन साथी की बात बात पर गुस्सा करने की आदत धीरे धीरे दूर होती जाती है | शुक्रवार के दिन नमक का सेवन ना करके नमकीन चीज़ो का दान करने से विवाहिक जीवन में दिक्कतो दूर होती हैं | गुड या शक्कर को मिट्टी के बरतन में भर कर ज़मीन में दबा देने से भी विवाहिक जीवन की समस्या दूर होती है | इस के इलावा हर शनिवार राहु के दान ज़रुरी है, जिनमे सरसो के तेल का दान, नीले रंग के वस्त्रो का दान, उडद की दाल का दान, काले तिल का दान, शराब, गुटखा और अन्य नशीले पदारथो का दान, नारीयल का दान या फ़िर पानी में बहाने से राहु के बुरे प्रभाव दूर होते है |


राहु कुण्डली के आठवे भाव में
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कुण्डली का आठवा भाव ज़मीन से जुड़े विश्यो से सम्बन्धित है, कोले से सम्बन्धित कार्य, धातु से सम्बन्धित कार्य, तकनीकी शिक्षा से जुडे कार्य, चिकित्सा विभाग से जुडे कार्य, गूढ अध्यन के कार्य इस भाव से सम्बन्धित हैं | जब राहु इन सब का प्रयोग लोगो को आकर्षित करने के लिये करेगा, तो ऐसे में जातक को जमीन से जुडे कार्य जैसे आइल और पैटरोल आदि से सम्बन्धित, तकनीकी शिक्षा से सम्बन्धित कार्य जैसे कमपियुटर और इंजीनियर आदि, कोई ज्वैलर से सम्बन्धित, खाने की चीज़ो स्र सम्बन्धित कार्य, कोई नयी रिसरच के कार्य, ज्योतिष से सम्बन्धित कार्य, धन का निवेश करने से सम्बन्धित कार्य में भाग्य आज़माना चाहिये |

यदि इस स्थान पर राहु बुरे फ़ल दे रहा हो, तो घर के टाएलेट और बाथरूम सम्बन्धी दोश को दूर करें | घर में किसी तरह का कबाड़ ना रखें | सुबह देर तक ना सोये, और हर रोज़ शारीरिक व्यायाम करें, पेट में कबज़ और गैस आदि की समस्या ना रहने दे | हर शनिवार की सुबह शिवलिंग पर जल अरपित करें | हर रोज़ सुबह और शाम गायत्री मन्त्र का ज़्यादा से ज़्यादा जप करे | रात को भारी भोजन ना करें, और ना ही देर तक टी वी या इन्ट्रनैट आदि से जुड़े रहें, और समय से सो जाये | खाने में सातविक भोजन शामिल करें, और गहरे रंग कके वस्त्र कम से कम पहने | अपने विचारो को शुद्ध रखे और महीने की हर अशटमी के दिन व्रत करे और कन्यायो में बेसन की मिठाई बान्टे | अपनी ज़िन्दगी के महत्वपूर्ण फ़ैसले अपने माता पिता और गुरु की अनुमति से लें | यदि राहु की महादशा या दशा के कारण बुरे फ़ल मिल रहे हो तो शमशान भुमी के पास पीपल के पेड़ लगाये, और शमशान भुमी के पास से जल लेकर आये और उसको घर पर रखे किसी बोतल में |

राहु कुण्डली के नवम भाव में
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कुण्डली का नवम भाव जो कि धर्मस्थान है, घर कि बुज़ुर्गो से सम्बन्धित है, लंबी दूरी की यात्रायो से सम्बन्धित है, दान - पुण्य से सम्बन्धित है | और जब राहु इस भाव में विराजता है और इस भाव से लोगो को आकर्षित करने की कोशिश करता है, तो ऐसे मे जातक विदेश में सफ़लता प्राप्त कर सकता है, अध्यापक के रूप में प्रसिद्ध हो सकता है, लेखन के कार्य, आडिटर के कार्य, उच्च शिक्षा से सम्बन्धित कार्य, किसी कालेज या युनिवर्सिटी के संचालक के रूप में भी प्रसिध हो सकता है | इनके इलावा ऐसे जातक गणित आदि विश्यो के भी माहिर होते हैं, शेयर मारकिट, धन के निवेशक, और कम्पनी के एच आर डिपारटमेन्ट में भी होते हैं |

और यदि इस भाव में राहु बुरे फ़ल दे रहा हो तो जातक का प्रारंभिक जीवन कश्ट से गुज़रता है | शिक्षा प्राप्ति में अवरोध आते हैं | ऐसे में जातक को गुरु शरण में रहना चाहिये, ब्रहसपति के उपाये करने चाहिये | पेट में कफ़ या गर्मी की शिकायत हो तो इस समस्या को दूर करना चाहिये | रोज़ाना सुर्य को जल देना चाहिये | नीले और हरे रंग के वस्त्रो का कम प्रयोग करना चाहिये | उचित शारीरिक व्यायाम और खेल - कूद से शारीरिक बल बढाना चाहिये जिस से सही से शारीरिक विकास हो | यदि सेहत समस्या है तो खास कर पेट से सम्बन्धित तो रोज़ाना सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में शक्कर और निम्बु का रस मिला कर पीना चाहिये, जिस से कबज़ और गैस आदि की समस्या दूर हो | दाल चीनी, हीन्ग और मुलैठी का नियमित सेवन करना चाहिये, जिससे शरीर में आलस्य की समस्या ना रहे | और महत्वपूर्ण फ़ैसले माता - पिता की सहिमती से ही लेने चाहिये | खास कर इन्ट्रनैट के माध्यम से दोसती में धोखा मिलता है, क्युकि राहु धर्मस्थान को हानी पहुंचा रहा होता है | तो ऐसे में विवाह सम्बन्धी फ़ैसला माता पिता की अनुमति से लेना चाहिये |

राहु कुण्डली के दसवे भाव में
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कुण्डली का दसवा स्थान कार्यशेत्र का होता है | ऐसे में राहु का दसम स्थान को प्राभावित करना नौकरी / कारोबार में दिक्कत देता है | जातक को बार बार नौकरी में स्थान परिवर्तन जैसी स्थिति का सामना करना पडता है | या फ़िर जातक को घर से दूर स्थान पर जाकर नौकरी करनी पडती है | राहु की इस स्थिति में अच्छे परिणाम मिलने पर जातक डाकटर, वकालत के कार्य, पुलिस विभाग के कार्य, रेलवे विभाग, ऐम्बुलैन्स चलाने के कार्य, या कोई सरकारी बस आदि चलाने के कार्य जातक को मिल सकते है | क्युकि जातक को एक स्थान पर बैठने के कार्य नहीं करने होते | जैसे रेल या बस एक जगह से दूसरी जगह लगातार चलते रहते हैं, तो ऐसा ही जातक का कार्य होता है | और अगर जातक ऐसे कार्य ना करे तो जातक को आये दिन नौकरी में दिक्कतो का सामना करना पडता है, और हर साल उसकी नौकरी के स्थान बदलते रहते हैं, क्युकि यही राहु की शर्त है कि जातक एक जगह ना रहे |

और इस स्थान पर राहु कि बुरे प्रभाव से बचने के लिये घर में सुर्य यन्त्र स्थापित करना चाहिये और नियमित सुर्य अराधना करनी चाहिये | रविवार के दिन पानी में गुड़ प्रवाहित करना चाहिये | कार्यशेत्र में घोड़े की तसवीर लगानी चाहिये | और घोड़े को शनिवार के दिन चने खिलाने चाहिये | रविवार के दिन मूली का दान करना चाहिये | शनिवार के दिन मिट्टी के बरतन में सरसो का तेल भर कर ढक्कन लगाकर उसको नदी के किनारे दबा देना चाहिये | आटे की गोलियां बना कर नियमित चीटियो को देनी चाहिये | गुरुवार के दिन चने की दाल जल प्रवाह करनी चाहिये | हमेशा अपने साथ चान्दी का चोकोर टुकडा रखे | हमेशा अपने पिता का सम्मान करे | और अपने कार्यशेत्र पर भी अन्य अधिकारीयो से भी अच्छा व्यवहार करें |

राहु कुण्डली के गयाहरवे भाव में
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और कुण्डली का यह भाव बहुत महत्वपूर्ण है, क्युकि यह भाव लाभ का है , बड़े भाई बहन का है, खुशियो का है, ज़िन्दगी की बडी खवाहिशो का और उनके पूरे होने का है | यह भाव सामाजिक दायरे का है कि आप अपनी ज़िन्दगी की ज़रुरतो को पूरा करने के लिये किन लोगो का साथ ले रहे हैं | यह भाव सिर्फ़ बड़े भाई बहन का ही नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिये है जो आपसे बडा है, चाहे समाजिक रूप से चाहे आर्थिक रूप से | और जब इस स्थान पर राहु विराज जाये, तो आपके वो लोग जिन से भी आप जुडे हुये है, उमीदे लगाये बैठे हैं कि किसी समय में वो आपके काम आयेंगे, वो ही आपसे कटने लग जाते हैं | और इस का सब से बडा कारण खुद आप ही होते हो | क्युकि आपके 5th भाव में केतु है इस लिये आप क्रिएटिव नहीं होते, आप समय के साथ नहीं चलते, इस लिये हर कोई आपसे कटने लग जाता है | जैसे कि आपका कोई दोसत हो, कोई रिश्तेदार हो वो आपसे काफ़ी समय बाद मिले और आपकी जीवन शैली को देख कर कहे कि आप 2 साल पहले भी ऐसे थे और आज भी ऐसे हैं, 2 साल पहले भी आपका घर ऐसा था और आज भी कोई बदलाव नहीं | और क्युकि हर कोई बदलाव चाहता है, और व आपको वैसे ही हर बार देख कर आपसे कटने लग जाते हैं | और क्युकि आपमे कुछ नयापन नहीं है इसलिये आपके बास, आपके साथी, आपके दोस्त, जो भी आपका सामाजिक दायरा है जिनसे आओप जुडना चाहते हैं लेकिन वो आपसे कटने लगते हैं | तो ऐसे में अब लोग आपको पसंद नहीं करेंगे, आपके कार्य को पसन्द नहीं करेंगे तो आपके पास धन आएगा कहाँ से |

 इस स्थिति में राहु के प्रभाव से बचने के लिये अपने जीवन को नियमित तरीके से जीना चाहिये | घर में चीज़ो को नियमित तरीके से रखना चाहिये | घर में आने वाले खुशी के मौके जैसे बच्चों के जन्मदिन, दिन त्योहार, और अन्य छोटी छोटी खुशियो को मनाना चाहिये और सखे सम्बन्धियो से भी खुशिया सान्झी करनी चाहिये | ऐसा करने से आपकी छोटी खुशिया बडी खुशिया लेकर आती हैं | बच्चो के परिक्षा के उनके अच्छे परिणाम आने पर उनकी हौसला अफ़ज़ाई करनी चाहिये | जब भी मौका मिले पूरे परिवार को एक साथ बाहर खाने पर जाना चाहिये | और साल में एक बार पूरे परिवार के साथ धर्मस्थान पर जाना चाहिये और अच्छे जीवन के लिये आशिर्वाद प्राप्त करना चाहिये | अपने से बड़े अधिकारियो को अपनी खुशियो में शामिल करना चाहिये, और उनके साथ अच्छे सम्बन्ध रखने चाहिये | हर साल घर पर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करना चाहिये, और सभी सम्बन्धियो को आमंत्रित करना चाहिये | और घर का सोना ( gold ) कभी भी नहीं बेचना चाहिये और ना ही गिरवी रखना चाहिये | घर में कबाड़, जंग लगा लोहा, ना पहनने वाले कपड़े और कोई भी फ़ालतु सामान नहीं रखना चाहिये | ऐसा करने से किये गये कार्यो के अच्छे परिणाम मिलने लगेंगे और बेवझा धन की हानी रुकेगी | और जब लोग आपके साह जुडने लगेगे तो आपकी सामाजिक और आर्थिक दोनो तरह की समस्या दूर होगी और आप निश्चित रूप से तरकी करेंगे |


राहु कुण्डली के बारवे भाव में
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कुण्डली का बारवा भाव जो कि शयन सुख, विदेश और ध्यान आदि से सम्बन्धित है | इस भाव में राहु के होने से जातक के शयन सुख में कमी होती है, रात को बुरे सपने आते हैं, विवाहिक जीवन के सुख में भी कमी होती है | और जब राहु इस भाव से सम्बन्धित चीज़ो से लोगो को आकर्षित करता है, तो ऐसे मे जातक मैडीकल फ़ीलड में जा सकता है, जातक डाकटरी की पढाई भी कर सकता है, जिस से राहु की ये शर्त पूरी होती है कि जातक होसपिटल में समय बिताये | अगर ऐसा ना हो तो आये दिन जातक को किसी ना किसी रूप में होसपिटल जाना पडता है, कभी घर के सदस्य के लिये तो कभी किसी रिश्तेदार के लिये | या फ़िर जातक पर झूठे इलज़ाम लगते रहते हैं, जिस से जातक को समाज में मान हानि का सामना करना पडता है | यदि बुध अच्छा हो तो जातक को विदेश में सफ़लता मिल सकती है, जातक घर से दूर रह कर अच्छा और सुखी जीवन जी पाता है | जातक बैकराउड परफ़ारमर बन सकता है, जैसे पलेबैक सिन्गर, कोई गीतकार, किसी कम्पनी के लिये इनवैसटर, कोई भी ऐसा रोल करैकटर जिस से वो लोगो से सीधे ना जुड़े, बल्कि लोग उस से टी वी पर ही देखें, जैसे कोई अदाकार, कोई प्रोडिउसर और गलैमर दुनिया से जुड़े हर तरह के कार्य में जातज अपना भाग्य आज़मा सकता है |

और यदि इस भाव में राहु बुरे फ़ल दे रहा हो, तो ज़्यादातर जातक को मान हानी का ही सामना करना पडता है | ऐसे में खुद को अध्यातम की तरफ़ ले कर जाना चाहिये | क्युकि आप ही देखें जो भी अदाकार हैं सितारे हैं, योग और फ़िटनेस उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है | तभी वो एक अदाकार के रूप में लोगो को लुभा पाते हैं , क्युकि वो दिन का ज़्यादातर समय अपनी शारीरिकता को देते हैं | इस लिये हर रोज़ योग और अध्यातम को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिये, जिस से राहु की नकारात्मक उर्जा दूर हो, और आपमे सकारात्मक उर्जा का संचार हो जिस से लोग आपकी अदाकारी को, आपकी काबीलियत को, आपकी आर्टिसट ऐबिलिटी को पसंद करें, और आप लोगो के दिल में जगह बना पाये | अदाकारी ना सही, लेकिन इन सब को जीवन का हिस्से बनाने से आपको समाज में मान हानि का सामना तो बिल्कुल नहीं करना पडेगा | औए सबसे ज़रूरी उपाय के तौर पर इस बात को ज़रुर अपनाये, कि चाहे आप ज़िन्दगी में कुछ भी बनना चाहते हैं, किसी भी करीयर में जाना चाहते हैं, गुरु ज़रुर बनाये, गुरु के सानिधय में रहे, क्युकि जितने भी बड़े बड़े व्यक्ति रहे हैं या दुनिया में हैं, सब में गुरु को जीवन में महत्वपूर्ण स्थान दिया है, महान व्यक्ति बनने से पहले वो एक अच्छे शिश्य बने हैं | क्युकि गुरु ही जीवन में जातक का मार्गदर्शन करते हैं, जिस से जातक अपने जीवन को सफ़ल बना पाता है | बाकि सबसे बड़े उपाये जातक के खुद के घर होते हैं, खुद के कर्म से होते हैं |

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