नवममुखी रुद्राक्ष
9 मुखी रुद्राक्ष को नवदुर्गा का स्वरुप माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह रुद्राक्ष पहनने से नवदुर्गा की शक्तियाँ आपकी रक्षा करती है। नौमुखी रुद्राक्ष धारण करने से अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त करके जीवन को सुखमय बनाया जा सकता है।
1- इस रुद्राक्ष के पहनने से आनन्द एवं मंगल का वातावरण परिवार में बना रहता है।
2- विपत्ति, दीनता, रोग आदि अनेक प्रकार की समस्याओं को आठमुखी रुद्राक्ष धारण करके दूर किया जा सकता है।
3- जो लोग नौकरी में अत्यधिक श्रम करते है, उसके बावजूद भी उनकी पदोन्नति होते-होते रुक जाती है। ऐसे लोगों को नौमुखी रुद्राक्ष पहनने से उनके करियर व नौकरी में पदोन्नति होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
4- जो छात्र अपने कठिन परिश्रम के बल पर परीक्षा उत्तीर्ण करके साक्षात्कार देते है, किन्तु उन्हें सफलता नहीं मिलती है। ऐसे छात्र नौमुखी रुद्राक्ष धारण करके सफलता अर्जित कर सकते है।
5- चिड़चिड़े व क्रोधी स्वभाव वाली महिलाओं को नौमुखी रुद्राक्ष पहनने से मन शान्त रहता है।
6- जो बच्चे स्वभाव से जिद्दी, गुस्सैल, शरारती आदि है। उन्हें नौमुखी रुद्राक्ष चाँदी में जड़वाकर लाल धागे में गले में पहनाने से सकारात्मक परिणाम सामने आते है।
7- केतु ग्रह से सम्बन्धित दोषों का शमन करने के लिए नौमुखी रुद्राक्ष धारण अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होता है।
धारण विधिः-किसी भी मास की शुक्ल पक्ष त्रयोदशी से पूर्णमासी तक लगातार तीन दिन तक गंगाजल, केसर, बेलपत्र आदि से निम्न मन्त्र- ''ऊँ ऐं हीं श्रीं क्लीं चामुण्डादैत्यै नमः'' से रुद्राक्ष को जलाभिषेक करना चाहिए। फिर इसी मन्त्र को पढ़ते हुये चमेली का तेल रूद्राक्ष में लगाना चाहिए। तत्पश्चात् प्रार्थना करने के बाद निम्न मन्त्र -''ऊँ ऐं हीं श्रीं क्लीं चामुण्डा देत्यै नमः'' से अधिक से अधिक 108 बार और कम से कम नौ बार हवन करना चाहिए। तत्पश्चात् अग्नि की नौ बार परिक्रमा करके नौमुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
9 मुखी रुद्राक्ष को नवदुर्गा का स्वरुप माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह रुद्राक्ष पहनने से नवदुर्गा की शक्तियाँ आपकी रक्षा करती है। नौमुखी रुद्राक्ष धारण करने से अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त करके जीवन को सुखमय बनाया जा सकता है।
1- इस रुद्राक्ष के पहनने से आनन्द एवं मंगल का वातावरण परिवार में बना रहता है।
2- विपत्ति, दीनता, रोग आदि अनेक प्रकार की समस्याओं को आठमुखी रुद्राक्ष धारण करके दूर किया जा सकता है।
3- जो लोग नौकरी में अत्यधिक श्रम करते है, उसके बावजूद भी उनकी पदोन्नति होते-होते रुक जाती है। ऐसे लोगों को नौमुखी रुद्राक्ष पहनने से उनके करियर व नौकरी में पदोन्नति होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
4- जो छात्र अपने कठिन परिश्रम के बल पर परीक्षा उत्तीर्ण करके साक्षात्कार देते है, किन्तु उन्हें सफलता नहीं मिलती है। ऐसे छात्र नौमुखी रुद्राक्ष धारण करके सफलता अर्जित कर सकते है।
5- चिड़चिड़े व क्रोधी स्वभाव वाली महिलाओं को नौमुखी रुद्राक्ष पहनने से मन शान्त रहता है।
6- जो बच्चे स्वभाव से जिद्दी, गुस्सैल, शरारती आदि है। उन्हें नौमुखी रुद्राक्ष चाँदी में जड़वाकर लाल धागे में गले में पहनाने से सकारात्मक परिणाम सामने आते है।
7- केतु ग्रह से सम्बन्धित दोषों का शमन करने के लिए नौमुखी रुद्राक्ष धारण अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होता है।
धारण विधिः-किसी भी मास की शुक्ल पक्ष त्रयोदशी से पूर्णमासी तक लगातार तीन दिन तक गंगाजल, केसर, बेलपत्र आदि से निम्न मन्त्र- ''ऊँ ऐं हीं श्रीं क्लीं चामुण्डादैत्यै नमः'' से रुद्राक्ष को जलाभिषेक करना चाहिए। फिर इसी मन्त्र को पढ़ते हुये चमेली का तेल रूद्राक्ष में लगाना चाहिए। तत्पश्चात् प्रार्थना करने के बाद निम्न मन्त्र -''ऊँ ऐं हीं श्रीं क्लीं चामुण्डा देत्यै नमः'' से अधिक से अधिक 108 बार और कम से कम नौ बार हवन करना चाहिए। तत्पश्चात् अग्नि की नौ बार परिक्रमा करके नौमुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
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