Friday, January 12, 2018

नोकरी_और_शनि

||#नोकरी_और_शनि||                                                        शनि नोकरी का कारक ग्रह है।कुंडली में अपनी स्थिति के अनुसार नोकरी से लेकर उच्च स्तर का व्यवसाय करा देना भी शनि के अधिकार छेत्र में है।विशेष रूप से शनि नोकरी का ही कारक है।शुभ शनि का सम्बन्ध 2, 6, 10 भाव से होने पर शनि जातक को रोजगार में धीरे धीरे उन्नति देता है क्योंकि यह बहुत धीमी रफ़्तार से चलने वाला ग्रह है इसके फल शुभ-अशुभ फल भी बहुत दीर्घकाल तक के लिए मिलते है।शनि जब जातक से नोकरी करवाता है या शनि के कारण जातक को नोकरी मिलती है तब वह निम्न स्तर से मिलती है शनि दशम भाव में उच्च, मूलत्रिकोण, स्वराशि में होता है तब उच्च स्तर की नोकरी ही दिलाता है इसके आलावा अन्य राशि में होने पर या शनि की दृष्टि नोकरी भाव पर होने से निन्म स्तर की नोकरी शनि जातक को कराता है और धीरे धीरे अपनी धीमी गति के साथ शुभ होने पर धीरे धीरे उन्नति कराता है इसके आलावा सूर्य, चन्द्र मंगल, गुरु, बुध, शुक्र इनके द्वारा नोकरी मिलती है तो यह उच्च स्तर की नोकरी कराते है जिसका एक तरह से जातक को ज्यादा अभ्यास नही होता।शनि जातक को तपा कर निम्न स्तर से उच्च स्तर तक धीरे धीरे ले जाता है और हर तरह का अनुभव कराकर शुभ होने पर उच्च स्तर तक की नोकरी पर ले जाता है।शनि के फल को यहाँ गहराई से समझे, शनि पहले जातक को हर तरह से धीरे धीरे निम्न स्तर से नोकरी कराकर निम्न स्तर से उच्च स्तर तक का ज्ञान कराता है जिससे जातक के पास अनुभव ज्यादा होता है क्योंकि शनि जातक को निम्न नोकरी के माध्यम से हर स्थिति से गुजरवा चूका होता जिससे जातक को हर स्थिति का अनुभव हो जाता है और धीरे धीरे जब शनि जातक को नोकरी में उच्च पद तक ले जाता है तब उसको अपार सफलता देता है।शनि जातक को नोकरी में तपाकर कोयले से हीरा बनाकर उसको सफल बनाता है  जो अनुभव हर स्तर की स्थिति का नोकरी में शनि देता है वह अन्य और कोई ग्रह नही देता क्योंकि सूर्य गुरु शुक्र आदि ग्रह जब नोकरी कराते है तो सीधे जातक को उच्च स्तर की नोकरी दिला देते है जिस काम को करने का जातक को ठीक से अभ्यास भी नही होता।शनि का फल देर से और लंबे समय तक के लिए मिलता है जिस कारण से शनि शुभ होने पर स्थिर नोकरी देकर धीरे धीरे उसमे तरक्की देता है।शनि प्रधान नोकरी वाले काफी मेहनती होते है।इस कारण जब भी आपको शनि के कारण नोकरी के शुरुआती समय में संघर्ष करना पड़ता है तो ऐसा शनि शुभ बली होने पर धीरे धीरे जातक को ऊचाइयों पर ले जाता है और जब शनि के कारण जातक ऊचाइयों पर पहुचता है तब ऐसे इंसान की ताकत बहुत बढ़ चुकी होती है।जिससे नोकरी में उसका अपना एक अलग ही वर्चस्व स्थापित हो चूका होता है।यदि शनि किसी जातक/जातिका का अशुभ होता है तब यह नोकरी में सिर्फ संघर्ष कराता है जातक/जातिका को मेहनत के अनुसार फल नही मिलता।इस कारण जो जातक नोकरी पेशे में है उनको शनि के प्रभाव को समझकर शनि की शुभता में वृद्धि करने के उपाय करने से शनि सम्बंधित शुभ फल और प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है।उपाय में शनि मन्त्र का जप करना, शमी के पौधे की देखभाल करना पोधे को जल देना, दिया जलाना।मजदुर वर्ग के लोगो की जरूरत के हिसाब से सहायता करना, शुभ काम करने से शनि के शुभत्व में वृद्धि की जा सकती है।।

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