नैतृत्व कोण में मुख्य दरवाजा
वास्तु शास्त्र की सबसे मुख्य दिशा नैतृत्व कोण होती है क्योंकि अन्य दिशायें कितनी ही अच्छी क्यों न हो अगर नैतृत्व कोण दूषित होगा तो बेहतर परिणाम प्राप्त नहीं होंगे जितने मिलने चहिये ।इस दिशा का कारक ग्रह राहु देव होते है ।इस दिशा में घर का मुख्य दरवाजा होना बहुत बड़ा वास्तु दोष माना जाता हैजो आपको हर तरह की परेशांनी देने की छमता रखता है । अचानक आने वाली परेशांनी या धन लाभ भी राहु से देखा जाता है हालाँकि यही दिशा भी कुछ लोगो को अनगिनत पैसा व् समृद्दि भी देती है ।यदि घर का मुख्य दरवाजा इस दिशा में है तो जिन्दगी में कभी भी स्थायित्व नहीं रहता है व्यक्ति इधर उधर भागता ही रहता है क्योकि यह पृथ्वी तत्व का स्थान होता है इस दोष के कारण मानसिक शान्ति नहीं रहती व् कर्ज का बोझ ज्यादा परेशान करता है ।ऐसे घर भवन वालो को लोन या किसी से कर्ज न लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि परेशानियों की वजह से कर्ज उतर नहीं पाता बल्कि कर्ज बढ़ता ही जाता है ।अचानक दुर्घटना की दिशा भी यही होती है ।
इस कोण में मुख्य दरवाजा का एक रहस्य ये भी है कि यहाँ पर मुख्य दरवाजा होने या कोई अन्य वास्तु दोष होने से हमारे शरीर का मूलाधार चक्र ख़राब या बिगड़ जाता है ये चक्र हमारे शरीर का पहला चक्र होता है जो की पृथ्वी तत्व को दर्शाता है ।जब व्यक्ति का पृथ्वी तत्व बिगड़ जाता है तो जिन्दगी में स्थायित्व आना मुश्किल हो जाता है तथा घर में बचत व् बरकत होना मुश्किल हो जाता है ।जिस व्यक्ति का पृथ्वी तत्व बिगड़ जाये तो उसके बाकी चक्रो का बिगड़ना भी निश्चित ही है इसलिए वास्तु में नैतृत्व कोण को ज्यादा महत्व दिया गया है ।
यदि आपका नैतृत्व कोण में वास्तु दोष है या यह दूषित है और आपका ईशान कोण अच्छा है तो आप लाखो रुपये कमा सकते है लेकिन आप बचत नहीं कर सकते और न ही अपनी ज़िंदगी से संतुष्ट रह सकते है । यदि आपका ईशान कोण ख़राब है और नैतृत्व कोण अच्छा है तो आपकी मामूली आमदनी से भी बचत होगी और मन में संतुष्टि बनी रहेगी ।
वास्तु शास्त्र की सबसे मुख्य दिशा नैतृत्व कोण होती है क्योंकि अन्य दिशायें कितनी ही अच्छी क्यों न हो अगर नैतृत्व कोण दूषित होगा तो बेहतर परिणाम प्राप्त नहीं होंगे जितने मिलने चहिये ।इस दिशा का कारक ग्रह राहु देव होते है ।इस दिशा में घर का मुख्य दरवाजा होना बहुत बड़ा वास्तु दोष माना जाता हैजो आपको हर तरह की परेशांनी देने की छमता रखता है । अचानक आने वाली परेशांनी या धन लाभ भी राहु से देखा जाता है हालाँकि यही दिशा भी कुछ लोगो को अनगिनत पैसा व् समृद्दि भी देती है ।यदि घर का मुख्य दरवाजा इस दिशा में है तो जिन्दगी में कभी भी स्थायित्व नहीं रहता है व्यक्ति इधर उधर भागता ही रहता है क्योकि यह पृथ्वी तत्व का स्थान होता है इस दोष के कारण मानसिक शान्ति नहीं रहती व् कर्ज का बोझ ज्यादा परेशान करता है ।ऐसे घर भवन वालो को लोन या किसी से कर्ज न लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि परेशानियों की वजह से कर्ज उतर नहीं पाता बल्कि कर्ज बढ़ता ही जाता है ।अचानक दुर्घटना की दिशा भी यही होती है ।
इस कोण में मुख्य दरवाजा का एक रहस्य ये भी है कि यहाँ पर मुख्य दरवाजा होने या कोई अन्य वास्तु दोष होने से हमारे शरीर का मूलाधार चक्र ख़राब या बिगड़ जाता है ये चक्र हमारे शरीर का पहला चक्र होता है जो की पृथ्वी तत्व को दर्शाता है ।जब व्यक्ति का पृथ्वी तत्व बिगड़ जाता है तो जिन्दगी में स्थायित्व आना मुश्किल हो जाता है तथा घर में बचत व् बरकत होना मुश्किल हो जाता है ।जिस व्यक्ति का पृथ्वी तत्व बिगड़ जाये तो उसके बाकी चक्रो का बिगड़ना भी निश्चित ही है इसलिए वास्तु में नैतृत्व कोण को ज्यादा महत्व दिया गया है ।
यदि आपका नैतृत्व कोण में वास्तु दोष है या यह दूषित है और आपका ईशान कोण अच्छा है तो आप लाखो रुपये कमा सकते है लेकिन आप बचत नहीं कर सकते और न ही अपनी ज़िंदगी से संतुष्ट रह सकते है । यदि आपका ईशान कोण ख़राब है और नैतृत्व कोण अच्छा है तो आपकी मामूली आमदनी से भी बचत होगी और मन में संतुष्टि बनी रहेगी ।
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