नवमांश कुंडली से पत्नी/पति का विचार किया जाता है। एक अच्छा ज्योतिषी आपकी नवमांश कुंडली देखकर आपकी पत्नी के बारे में सटीक भविष्यवाणी कर सकता है। मैंने तो यहाँ तक पाया है की अगर आपकी कुंडली में गजकेसरी योग है तो आपकी पत्नी/पति की नवमांश कुंडली में गजकेसरी योग होने की प्रबल संभावना है। मेरा ये Rule 80% फिट बैठता है। सभी के पास Exact Birth Time भी मुश्किल है। यह एक गहन शोध का विषय है।
पराशर के अनुसार जिस व्यक्ति की जन्म कुन्डली एवं नवांश कुण्डली में एक ही राशि होती है तो उसका वर्गोत्तम नवमांश होता है वह शारीरिक व आत्मिक रुप से स्वस्थ होता है।
अगर कोई ग्रह जिस राशि में है उसी नवमांश में भी हो तो वर्गोत्तम कहलाता है। वर्गोत्तम ग्रह शुभ फल देता है।
अगर कोई ग्रह जन्म कुण्डली में नीच का हो एवं नवांश कुण्डली में उच्च को हो तो वह अपेक्षाकृत शुभ फल प्रदान करता है
लग्न के नवमांशाधिपति से जातक के शरीर की आकृति, गठन इत्यादि का पता लगाया जा सकता है।
चन्द्रमा के नवमांश से जातक के रंग का पता लगाया जा सकता है।
कलत्र-राशि निकालने में नवमांश कुंडली का ही उपयोग होता है।
विवाह समय निर्धारण में गुरु की नवमांश में गोचर स्तिथि देखना कुछ लोग अनिवार्य मानते हैं।
सन्तानोपत्ति-शक्ति देखने के लिए पुरुष का बीज स्फुट और स्त्री का क्षेत्र स्फुट नवमांश में किस राशि में है यह देखना अनिवार्य है।
सन्तानोपत्ति के सही समय का आंकलन भी बिना नवमांश कुंडली के असम्भव ही होता है।
ज्योतिष ग्रंथो में बहुत से राजयोग सिर्फ नवमांश कुंडली के आधार पर ही बताये गए हैं, जैसे की अगर लग्नेश, एकादशेश, द्वितीयेश तथा नवमेश उच्च नवमांश में हो जातक करोड़पति होता है। इसी तरह बहुत से योग हैं।
दशमेश का नवमांशेश और उस पर विभिन्न ग्रहों का प्रभाव जातक के व्यवसाय का सही विवरण देता है।
पराशर के अनुसार जिस व्यक्ति की जन्म कुन्डली एवं नवांश कुण्डली में एक ही राशि होती है तो उसका वर्गोत्तम नवमांश होता है वह शारीरिक व आत्मिक रुप से स्वस्थ होता है।
अगर कोई ग्रह जिस राशि में है उसी नवमांश में भी हो तो वर्गोत्तम कहलाता है। वर्गोत्तम ग्रह शुभ फल देता है।
अगर कोई ग्रह जन्म कुण्डली में नीच का हो एवं नवांश कुण्डली में उच्च को हो तो वह अपेक्षाकृत शुभ फल प्रदान करता है
लग्न के नवमांशाधिपति से जातक के शरीर की आकृति, गठन इत्यादि का पता लगाया जा सकता है।
चन्द्रमा के नवमांश से जातक के रंग का पता लगाया जा सकता है।
कलत्र-राशि निकालने में नवमांश कुंडली का ही उपयोग होता है।
विवाह समय निर्धारण में गुरु की नवमांश में गोचर स्तिथि देखना कुछ लोग अनिवार्य मानते हैं।
सन्तानोपत्ति-शक्ति देखने के लिए पुरुष का बीज स्फुट और स्त्री का क्षेत्र स्फुट नवमांश में किस राशि में है यह देखना अनिवार्य है।
सन्तानोपत्ति के सही समय का आंकलन भी बिना नवमांश कुंडली के असम्भव ही होता है।
ज्योतिष ग्रंथो में बहुत से राजयोग सिर्फ नवमांश कुंडली के आधार पर ही बताये गए हैं, जैसे की अगर लग्नेश, एकादशेश, द्वितीयेश तथा नवमेश उच्च नवमांश में हो जातक करोड़पति होता है। इसी तरह बहुत से योग हैं।
दशमेश का नवमांशेश और उस पर विभिन्न ग्रहों का प्रभाव जातक के व्यवसाय का सही विवरण देता है।
Lagna vs Chandra vs chalit vs navmansh kundli? What are their roles and importance in one’s life?
ReplyDeletesee more - http://bit.ly/2gN3uEP
Sir meri navmansh kundali main moon 7 th house main hain lagna main to meri merried life kaisi hogi
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